क्या आप जानते हैं सबसे पहले किसने बनाई थी भगवान कृष्ण की तस्वीर? महाभारत काल से जुड़े हैं तार

धर्म { गहरी खोज } : भगवान कृष्ण हिंदू धर्म के प्रमुख देवता हैं जिनकी मनमोहक छवि किसी का भी मन मोह लेती है। लेकिन क्या आप जानते है कि श्रीकृष्ण जी के इस सुंदर रूप की पहली बार व्याख्या उनकी परम भक्त उत्तरा ने की थी। कृष्ण जी कैसे दिखते थे, उनकी आंखें कैसी थी, नाक कैसी थी, वो मुस्कुराते कैसे थे, उनका रंग कैसा था… इन सभी के बारे में इस समस्त ब्रह्मांड में सबसे पहले उत्तरा ने लिखा था। बता दें उत्तरा श्री कृष्ण के परम मित्र अर्जुन के बेटे अभिमन्यू की पत्नी थीं। जब उत्तरा के गर्भ में पल रही संतान को खत्म करने के लिए अश्वत्थामा ने उन पर ब्रह्मास्त्र छोड़ दिया था तब श्रीकृष्ण ने उनकी संतान की रक्षा की थी।
श्रीकृष्ण की पहली तस्वीर किसने बनाई थी?
ऐसी मान्यता है कि उत्तरा ने एक पुस्तक लिखी थी जिसमें उन्होंने भगवान श्री कृष्ण के स्वरूप का विस्तार से वर्णन किया था। कहते हैं इस लिखित वर्णन को समझकर ही श्रीकृष्ण के परपोते वज्रनाभ ने भगवान का सबसे पहले चित्रण किया था।कहा जाता है कि उत्तरा द्वारा भगवान कृष्ण के रूप का वर्णन इतना भव्य था कि वज्रनाभि को उनकी सुंदरता को पत्थरों में उकेरने के लिए कई कलाकारों की सहायता लेनी पड़ी थी। यानी आज हम श्री कृष्ण के जिस सुंदर और मनमोहक स्वरूप के बारे में जानते हैं उसका आधार लिखित में सबसे पहले उत्तरा ने ही दिया था और जो भी भगवान की प्रतिमाएं बनाई जाती हैं उसका आधार वज्रनाभ ने इस संसार को प्रदान किया था।
कहते हैं वज्रनाभ ने भगवान कृष्ण की तीन प्रमुख मूर्तियां बनवाई थीं, जिन्हें श्रीकृष्ण की सबसे प्रामाणिक प्रतिमाएं माना जाता है जो इस प्रकार है:
श्रीनाथजी (नाथद्वारा, राजस्थान): कृष्ण के बालरूप की मूर्ति।
मदनमोहनजी (करौली, राजस्थान): युवावस्था के कृष्ण।
गोविंददेवजी (वृंदावन, उत्तर प्रदेश): किशोर रूप के कृष्ण।