सर्वाइकल कैंसर जानलेवा, चुपचाप आते हैं इसके लक्षण, डॉक्टर ने बताया किन महिलाओं को है ज्यादा खतरा

लाइफस्टाइल डेस्क { गहरी खोज }: कैंसर एक खतरनाक और जानलेवा बीमारी है जिसके कई प्रकार हैं। इनमें से एक सर्वाइकल कैंसर (गर्भाशय ग्रीवा का कैंसर) भी है, जो महिलाओं को होता है। सर्वाइकल कैंसर यह अक्सर तब होता है, जब कुछ खास प्रकार के ह्यूमन पैपिलोमा वायरस (HPV) लंबे समय तक गर्भाशय ग्रीवा को संक्रमित कर देते हैं और वहां की कोशिकाओं में असामान्य बदलाव ला देते हैं। समय के साथ ये असामान्य कोशिकाएं कैंसर में बदल सकती हैं।
डॉक्टर शीतल जिंदल, सीनियर कंसल्टेंट मेडिकल डायरेक्टर (मेडिकल जेनेटिक्स प्रोग्राम जिंदल आईवीएफ) ने बताया, सर्वाइकल कैंसर महिलाओं में होने वाले सबसे आम और गंभीर कैंसरों में से एक है, लेकिन अच्छी बात यह है कि यह समय पर जांच और बचाव से इसे रोका जा सकता है। दुनिया भर में हर साल लाखों महिलाएं इस बीमारी की शिकार होती हैं, जिनमें से कई की जान इसलिए चली जाती है क्योंकि शुरुआती चरण में इसके कोई लक्षण नजर नहीं अगर आप जानना चाहती हैं कि सर्वाइकल कैंसर क्या है, यह क्यों खतरनाक है और इससे कैसे बचा जा सकता है, तो डॉक्टर से जान लें सर्वाइकल कैंसर के कारण, किन महिलाओं को ज्यादा होता है इसका खतरा, सर्वाइकल कैंसर के लिए कौन-सी जांच और वैक्सीन मददगार साबित होते हैं?
खतरनाक लेकिन रोकी जा सकने वाली बीमारी
सर्वाइकल कैंसर जिसे गर्भाशय ग्रीवा का कैंसर कहते हैं ये दुनिया भर में महिलाओं के लिए एक बड़ी लेकिन रोकी जा सकने वाली स्वास्थ्य समस्या है। यह महिलाओं में चौथा सबसे आम कैंसर है। साल 2022 में दुनिया भर में इसके करीब 6.6 लाख नए मामले और लगभग 3.5 लाख मौतें दर्ज हुईं।
चुपचाप आते हैं सर्वाइकल कैंसर के लक्षण
इसकी सबसे खतरनाक बात यह है कि शुरुआती चरण में यह चुपचाप बढ़ता है और इसके कोई लक्षण नहीं होते हैं। जब लक्षण दिखते हैं तब तक बहुत देर हो चुकी होती है। यही कारण है कि नियमित रूप से सर्वाइकल स्क्रीनिंग बहुत जरूरी है। जब बीमारी बढ़ने लगती है, तो आपको कुछ लक्षण महसूस हो सकते हैं
सर्वाइकल कैंसर के लक्षण
पीरियड्स जैसे खून आना बिना वजह
रिलेशन के बाद या मेनोपॉज के बाद ब्लीडिंग
पेल्विक हिस्से में दर्द होना
रिलेशन बनाते वक्त दर्द होना
पीरियड ज्यादा और लंबे समय होना
अगर ऐसे कोई भी लक्षण दिखें तो तुरंत डॉक्टर से जांच करानी चाहिए, क्योंकि समय पर पता चलने पर इस बीमारी का इलाज आसान और सफल होता है।
सर्वाइकल कैंसर के लिए पैप स्मीयर टेस्ट
अगर आप समय पर सर्वाइकल कैंसर के लक्षणों का पता लगाना चाहते हैं, तो आपको पैप स्मीयर टेस्ट (Liquid Based Cytology) कराना चाहिए। यह एक स्क्रीनिंग टेस्ट है जो गर्भाशय ग्रीवा में असामान्य कोशिकाओं का पता लगाने में मदद करता है, जो कैंसर या प्री-कैंसर कंडीशन का संकेत दे सकती हैं। इसके अलावा आप HPV टेस्ट के जरिए भी गर्भाशय ग्रीवा की कोशिकाओं में असामान्य बदलाव को कैंसर बनने से पहले ही पकड़ा जा सकता है।
सर्वाइकल कैंसर का खतरा किन महिलाओं को ज्यादा
सर्वाइकल कैंसर का असर दुनिया भर में एक जैसा नहीं है। कम और मध्यम आय वाले देशों की महिलाएं इसका सबसे ज्यादा शिकार होती हैं, क्योंकि वहां HPV वैक्सीन, स्क्रीनिंग और समय पर इलाज की सुविधा कम होती है। सामाजिक और आर्थिक रुकावट इस समस्या को और बढ़ा देते हैं।
भारत में सर्वाइकल कैंसर की स्थिति
भारत में सर्वाइकल कैंसर महिलाओं में तीसरा सबसे आम कैंसर है। यहां हर साल 1,23,000 से ज्यादा मामले दर्ज होते हैं, जो महिलाओं के कुल कैंसर मामलों का 18.3% हैं। यह महिलाओं में कैंसर से होने वाली मौतों का दूसरा सबसे बड़ा कारण भी है, जिसकी मृत्यु दर 9.1% है। ये आंकड़े हमें चेतावनी देते हैं कि हमें तुरंत कदम उठाने चाहिए। इसके लिए लोगों में स्वास्थ्य से जुड़ी जागरूकता बढ़ाना, अस्पताल और जांच की सुविधाएं मजबूत करना और गांव-शहर की सभी महिलाओं तक बचाव की सेवाएं पहुंचाना जरूरी है।
सर्वाइकल कैंसर के क्या कारण हैं?
सर्वाइकल कैंसर का मुख्य कारण हाई-रिस्क ह्यूमन पैपिलोमा वायरस (HPV) का लंबे समय तक संक्रमण है। एचआईवी से संक्रमित महिलाओं में इसका खतरा और भी ज्यादा होता है। महिलाएं बिना एचआईवी वाली महिलाओं की तुलना में लगभग छह गुना ज्यादा इस कैंसर की शिकार हो सकती हैं।
महिलाओं को जागरूक करना बहुत जरूरी
इसलिए महिलाओं को जागरूक करना और बचाव से जुड़ी स्वास्थ्य सुविधाएं देना बहुत जरूरी है। जब लोगों को पता होता है कि HPV और सर्वाइकल कैंसर का आपस में क्या संबंध है, और महिलाओं को समय-समय पर जांच व टीका लगवाने का मौका मिलता है, तो इलाज से ज्यादा ध्यान बीमारी को पहले से रोकने पर दिया जा सकता है।