तकनीकी युग में ढलने के लिए अध्ययन और कौशल उन्नयन अत्यंत आवश्यक: हरिवंश

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नई दिल्ली{ गहरी खोज }: राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश ने गुरुवार को संसद भवन में राज्यसभा इंटर्नशिप कार्यक्रम के अंतर्गत इंटर्न्स को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि तेज़ी से बदलते तकनीकी युग में सफलतापूर्वक ढलने के लिए कौशल उन्नयन बेहद आवश्यक हैं।
उन्होंने कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) के आगमन से उत्पन्न अवसरों और चुनौतियों पर प्रकाश डालते हुए कई उदाहरण साझा किए। उन्होंने छात्रों से आग्रह किया कि वे पूरी तरह तकनीक पर निर्भर रहने के बजाय सही ज्ञान और कौशल विकसित करने पर ध्यान केंद्रित करें। उन्होंने कहा कि नई तकनीक को अपनाना न केवल व्यक्तिगत स्तर पर उत्पादकता बढ़ाने के लिए आवश्यक है, बल्कि यह जमीनी स्तर पर सुशासन को भी मज़बूत बनाने में महत्वपूर्ण है।
प्रधानमंत्री जनधन योजना का उदाहरण देते हुए हरिवंश ने कहा कि आधार की डिजिटल अवसंरचना और मोबाइल फ़ोनों के प्रसार ने बैंकिंग कवरेज को बेहतर बनाने में मदद की, जो पारंपरिक तरीकों से करने में दशकों लग जाते। उन्होंने कहा, “विश्व बैंक के एक अध्ययन के अनुसार यदि हम पारंपरिक तरीकों यानी ग्राहकों के भौतिक सत्यापन से बैंक खाते खोलते रहते, तो जितने बैंक खाते आज खुले हैं, उन्हें खोलने में हमें 47 वर्ष लग जाते, लेकिन ‘जैम ट्रिनिटी’ और ई-केवाईसी प्रक्रिया ने आज एक विशाल लाभार्थी नेटवर्क तैयार कर दिया है।”
उन्होंने कहा कि आज जो हम भारत और दुनिया भर में देख रहे हैं, वह रातों-रात हुआ परिवर्तन नहीं है। यह दशकों से हो रहे नवाचारों का परिणाम है, जिसने हमें इस मुकाम पर पहुंचाया है। इसके अलावा भारत की स्थिर आर्थिक वृद्धि ने युवाओं को नवाचार करने, जोखिम उठाने और अपने उद्यमशील सपनों को साकार करने के लिए एक उपयुक्त मंच प्रदान किया है। दुनिया नवाचार को बहुत ऊंचा मूल्य दे रही है।

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