बिहार एसआईआर पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले को कांग्रेस नेताओं ने बताया उम्मीद की किरण

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नई दिल्ली{ गहरी खोज }: बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) को लेकर चल रहे विवाद पर सुप्रीम कोर्ट के आदेश को कांग्रेस ने लोकतंत्र के लिए अहम करार दिया है। कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल और जयराम रमेश ने गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत करते हुए इसे संविधान की रक्षा करने वाला बताया।
वेणुगोपाल ने कहा कि हम चुनाव आयोग द्वारा हटाए गए 65 लाख नामों की शीघ्र घोषणा पर ज़ोर देने का भी स्वागत करते हैं, जो निःसंदेह एसआईआर प्रक्रिया में अत्यंत आवश्यक पारदर्शिता लाने में एक महत्वपूर्ण कदम होगा। आधार को स्वीकार न करने के चुनाव आयोग के फैसले को न्यायालय द्वारा खारिज करना भी एक बड़ी उपलब्धि है, क्योंकि बिहार जैसे राज्य में आधार गरीबों और हाशिए पर पड़े लोगों के पास सबसे व्यापक रूप से मौजूद दस्तावेज है। उन्होंने एसआईआर को क्रूर और विनाशकारी प्रक्रिया बताते हुए कहा कि इसे हम अपनी लड़ाई में एक महत्वपूर्ण पहला कदम मानते हैं। चुनाव आयोग की गड़बड़ियों और मतदान में धांधली में मिलीभगत को उजागर करने की हमारी लड़ाई नए जोश के साथ जारी रहेगी।
जयराम रमेश ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा कि सुप्रीम कोर्ट ने अपने स्पष्ट, ठोस और साहसिक फैसले से भारत के संविधान की रक्षा की है। यह फैसला प्रधानमंत्री और उनके समर्थकों की साजिशों के खिलाफ उम्मीद की एक किरण है और इस लंबी लड़ाई का पहला बड़ा कदम है।
सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग को आज निर्देश दिए कि बिहार की ड्राफ्ट मतदाता सूची से हटाए गए लगभग 65 लाख नामों की पूरी जानकारी सार्वजनिक की जाए। कोर्ट ने कहा कि इन नामों को हटाने के कारणों के साथ सूची को जिलेवार संबंधित जिला निर्वाचन पदाधिकारियों की आधिकारिक वेबसाइट पर अपलोड किया जाए ताकि आम लोग इसे देख सकें। इसके अलावा कोर्ट ने आदेश दिया कि चुनाव आयोग इस प्रक्रिया का व्यापक प्रचार-प्रसार करे, जिससे यह जानकारी अधिक से अधिक लोगों तक पहुंचे।

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