पाकिस्तान में हुआ था विश्व का सबसे बड़ा नरसंहार : साध्वी

कानपुर{ गहरी खोज }: विश्व का सबसे बड़ा नरसंहार 14 अगस्त 1947 को पाकिस्तान में हुआ था, जब लाखों हिंदू, सिख, सिंधी, पंजाबी, बौद्ध आदि धर्मों के लोगों को धर्म के आधार पर चुन-चुनकर निर्ममता से मौत के घाट उतारा गया। यह बातें गुरुवार को भारत सरकार की पूर्व केंद्रीय मंत्री साध्वी निरंजन ज्योति ने भारतीय जनता पार्टी कानपुर उत्तर जिले द्वारा आयोजित विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस पर आयोजित संगोष्ठी कार्यक्रम में कही। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान बनने के साथ ही वहां धार्मिक अल्पसंख्यकों पर सुनियोजित हमला किया गया, महिलाओं के साथ अत्याचार हुए, और हजारों परिवारों को अपना घर-बार छोड़कर भारत में शरण लेनी पड़ी।
आगे उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वर्ष 2021 में यह निर्णय लिया कि 14 अगस्त को विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस के रूप में मनाया जाएगा। ताकि आने वाली पीढ़ियां विभाजन की पीड़ा और उससे जुड़े बलिदानों को याद रखें।
सांसद रमेश अवस्थी ने कहा कि विभाजन केवल भूगोल का बंटवारा नहीं था, बल्कि करोड़ों लोगों के सपनों, भावनाओं और जीवन का बंटवारा था। यह हमारी जिम्मेदारी है कि हम उस दर्दनाक इतिहास को कभी भूलने न दें और देश की एकता-अखंडता को बनाए रखने के लिए एकजुट रहें।
जिला अध्यक्ष अनिल दीक्षित ने कहा कि आज का दिन हमें न केवल उन निर्दोष लोगों की याद दिलाता है जो विभाजन के शिकार हुए, बल्कि यह भी सिखाता है कि धार्मिक कट्टरता और वैमनस्य से देश को केवल नुकसान ही पहुंचता है। उन्होंने सभी कार्यकर्ताओं से आह्वान किया कि समाज में भाईचारा, सद्भाव और राष्ट्रभक्ति की भावना को और मजबूत करें।
क्षेत्रीय मीडिया प्रभारी अनूप अवस्थी ने भी संबोधित करते हुए कहा कि विभाजन के समय जो मानवीय त्रासदी हुई, वह विश्व इतिहास में अद्वितीय है। इसे केवल एक स्मृति दिवस के रूप में नहीं, बल्कि आने वाली पीढ़ियों को जागरूक करने के संकल्प दिवस के रूप में देखना चाहिए।