ज्योतिष दृष्टि से बेहद खास हैं तिरंगे के तीनों रंग, जो बयां करते हैं देश की आन-बान-शान

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धर्म { गहरी खोज } : भारत के झंडे तिरंगे में मुख्य रूप से तीन रंग देखने को मिलते हैं केसरिया, सफेद और हरा। इन तीनों ही रंगों का ज्योतिषीय में खास महत्व माना जाता है। जहां केसरिया रंग साहस, शक्ति और बलिदान का प्रतीक माना जाता है वहीं सफेद रंग शांति, सत्य और पवित्रता का प्रतीक होता है। ये रंग देश की एकता और अहिंसा के सिद्धांत को दर्शाता है। जबकि हरा रंग समृद्धि, प्रगति और देश की कृषि परंपरा को दर्शाता है। चलिए जानते हैं तिरंगे के इन तीनों रंगों के महत्व के बारे में अब विस्तार से यहां।

तिरंगा का केसरिया रंग क्या कहता है?
ज्योतिष में केसरिया रंग का संबंध मंगल और सूर्य से माना गया है। जहां मंगल साहस, शक्ति और उत्साह का प्रतीक है तो वहीं सूर्य आत्मविश्वास, नेतृत्व और जीवन शक्ति का कारक है। इस दृष्टि से तिरंगे का केसरिया रंग देश के बलिदान, साहस और आध्यात्मिकता को दर्शाता है। यह रंग लोगों में सकारात्मक ऊर्जा, उत्साह और दृढ़ संकल्प को बढ़ाता है।

तिरंगा का सफेद रंग क्या कहता है?
ज्योतिष में सफेद रंग का संबंध चंद्रमा और शुक्र ग्रह से माना गया है। जहां चंद्रमा शांति, भावनाओं और मन की स्थिरता का प्रतीक है वहीं शुक्र सौंदर्य, प्रेम और सामंजस्य का कारक है। ऐसे में तिरंगे में सफेद रंग शांति, सत्य और पवित्रता का प्रतीक माना जाता है जो देश की एकता और अहिंसा के सिद्धांत को दर्शाता है।

तिरंगा का हरा रंग क्या कहता है?
ज्योतिष अनुसार हरा रंग बुध ग्रह से जुड़ा है जो बुद्धि, संचार और समृद्धि का प्रतीक है। वहीं हमारे तिरंगे में हरा रंग समृद्धि, प्रगति और देश की कृषि परंपरा को दर्शाता है। इसके साथ ही ये रंग सकारात्मक सोच, रचनात्मकता और संतुलन को बढ़ाता है।

क्या कहता है तिरंगा का नीला रंग?
ज्योतिष में नीला रंग शनि और गुरु ग्रह से संबंधित माना गया है। जहां शनि अनुशासन, कर्तव्य और धैर्य का प्रतीक माने जाते हैं तो वहीं गुरु ज्ञान, आध्यात्मिकता और विस्तार का कारक होते हैं। ऐसे में तिरंगे में नीला अशोक चक्र धर्म, सत्य और निरंतर प्रगति का संदेश देता है।

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