‘विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस’ पर PM मोदी ने याद किया पीड़ितों का दर्द

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नई दिल्ली{ गहरी खोज }: अपने ही देश के नायकों में सत्ता पाने की ललक या लंबे समय तक हमें गुलाम बना कर रखने वाले अंग्रेजों के षडयंत्र का परिणाम है कि आजादी मिलने से ठीक एक दिन पहले धर्म के आधार पर भारत को तीन टुकड़ों में बांट दिया गया। इसके साथ ही शुरु हुई इस विभाजन की विभिषिका का अंत हीन सिलसिला। करोड़ों लोगों को देश के एक हिस्से से दूसरे हिस्से में जान बचा कर भागना पड़ा।
उन सभी विस्थापितों की पीड़ा को हर साल 14 अगस्त को ‘विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस’ के रुप देश श्रद्धांजलि देता है। इस अवसर पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बृहस्पतिवार को कहा कि यह दिन देश को एक सूत्र में पिरोने वाले सद्भाव के बंधन को मजबूत करने की लोगों की जिम्मेदारी की याद दिलाता है।
प्रधानमंत्री मोदी ने लाखों लोगों को अपना घर छोड़ने के लिए मजबूर करने वाली अकथनीय पीड़ा का जिक्र करते हुए कहा कि यह दिन देश की जनता को उस भयानक अनिश्चितता और उत्पीड़न की याद दिलाता है जो देश की हिस्ट्री के उस पीड़ादायक चैप्टर के दौरान अनगिनत लोगों ने झेला था।
प्रधानमंत्री ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर लिखा, ‘‘यह उनके साहस का सम्मान करने का भी दिन है… (यह) अकल्पनीय क्षति झेलने और फिर भी नए सिरे से शुरुआत करने की ताकत हासिल करने की उनकी क्षमता का (सम्मान है)। प्रभावित हुए कई लोगों ने अपनी जिंदगी की नए सिरे से शुरुआत की और उल्लेखनीय उपलब्धियां हासिल कीं।’ देश में 14 अगस्त ‘विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस’ के रूप में मनाया जाता है। वर्ष 1947 में 14 अगस्त के दिन धर्म के आधार पर पाकिस्तान और 15 अगस्त को भारत को अलग-अलग देश बना दिया गया। कई प्रत्यक्षदर्शियों और इतिहासकारों का अनुमान है कि देश के विभाजन के दौरान होने वाले कम्यूनल राइट में लाखों लोग मारे गए और लाखों बेघर हो गए थे।

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