गुजरात में अनुमानित 1.48 लाख करोड़ के पूंजी निवेश के साथ 1.65 लाख से अधिक प्रत्यक्ष रोजगार का सृजन : उद्योग मंत्री

गांधीनगर { गहरी खोज }: गांधीनगर में उद्योग मंत्री बलवंतसिंह राजपूत की अध्यक्षता में उद्योगों को फाइनल एलिजिबिलिटी प्रमाणपत्र देने संबंधी समिति की बैठक हुई। इसमें कुल 1478.71 करोड़ रुपये के पूंजी निवेश वाली 22 बड़ी इकाइयों के आवेदन मंजूर किए गए, जिससे राज्य में अनुमानित 4136 नए रोजगार का सृजन हुआ है।
इस अवसर पर उद्योग मंत्री बलवंतसिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में गुजरात सहित समग्र देश में एक उद्योगानुकूल इकोसिस्टम का निर्माण हुआ है, जिससे मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल के मार्गदर्शन में राज्य में ‘इंसेंटिव टु इंडस्ट्रीज’ योजना अंतर्गत 1 लाख 48 हजार 336.35 करोड़ रुपये का पूंजी निवेश तथा 1.65 लाख से अधिक प्रत्यक्ष रोजगार का सृजन हुआ है, जिसके फलस्वरूप एमएसएमई सेक्टर के लघु एवं मध्यम स्तरीय आनुषांगिक उद्योगों को अधिक वेग मिला है। आज मंजूर किए गए आवेदनों में अहमदाबाद जिले में मेटल, पेपर, फूड-एग्रो, सिमेंट-कंक्रीट सेक्टर में 383.91 करोड़ रुपए, कच्छ में मेटल सेक्टर में 227.77 करोड़ रुपये, भरूच में केमिकल एवं सिरामिक सेक्टर में 218.88 करोड़ रुपये, मेहसाणा में पेपर सेक्टर में 55.23 करोड़ रुपये, मोरबी में सिरामिक, मेटल, पेपर, टेक्सटाइल सेक्टर में 167.70 करोड़ रुपये, राजकोट में मेटल सेक्टर में 36.22 करोड़ रुपये, वलसाड में केमिकल, प्लास्टिक तथा पेपर सेक्टर में 359.47 करोड़ रुपये तथा सुरेन्द्रनगर जिले में पेपर सेक्टर में 29.53 करोड़ रुपये के पूंजी निवेश को सहायता के लिए मंजूरी दी गई है, जो राज्य में उद्योगों को अधिकाधिक सक्षम बनाने तथा प्रत्यक्ष एवं परोक्ष रूप से गुजरात में रोजगार बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।
उल्लेखनीय है कि गुजरात को व्यापक सामाजिक एवं आर्थिक विकास का प्रकाशस्तंभ बनाने के विजन के साथ राज्य सरकार ने औद्योगिक नीति 2015 अंतर्गत ‘इंसेंटिव टु इंडस्ट्रीज’ योजना लागू की है। गुजरात को मैन्युफैक्चरिंग क्षेत्र में अत्याधुनिक टेक्नोलॉजी तथा इनोवेशन में अग्रसर करने, अत्याधुनिक टेक्नोलॉजी के साथ बड़े पैमाने पर निवेश आकर्षित करने तथा नए प्रोजेक्ट्स में निवेश को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य के साथ यह योजना लागू की गई है। राज्य में आने वाले उद्योगों को नेट एसजीएसटी सहायता देने संबंधी इस योजना के माध्यम से गुजरात केवल भारत में ही नहीं, बल्कि विश्व में निवेश का सबसे आकर्षक स्थल बना है, जिसे बड़े उद्योगों द्वारा अच्छा-खासा समर्थन मिला है। इस बैठक में उद्योग एवं खान विभाग की प्रधान सचिव ममता वर्मा, वन एवं पर्यावरण विभाग के प्रधान सचिव संजीव कुमार, श्रम एवं रोजगार विभाग के प्रधान सचिव डॉ. विनोद राव, उद्योग आयुक्त पी. स्वरूप सहित उच्चाधिकारी उपस्थित रहे।