भारत की 2030 राष्ट्रमंडल खेलों के मेजबानी पर आईओए ने लगाई मुहर

नई दिल्ली{ गहरी खोज }: भारतीय ओलंपिक संघ ने बुधवार को यहां अपनी विशेष आम बैठक (एसजीएम) के दौरान 2030 में होने वाले राष्ट्रमंडल खेलों की मेजबानी के लिए देश की बोली को औपचारिक रूप से मंजूरी दे दी है। भारत ने 2030 के राष्ट्रमंडल खेलों के लिए अहमदाबाद को मेज़बान शहर बनाते हुए पहले ही आशय पत्र जमा कर दिया है। भारत को हालांकि 31 अगस्त की समय सीमा से पहले अंतिम बोली के लिए प्रस्ताव जमा करने होंगे।
आईओए के संयुक्त सचिव कल्याण चौबे ने आधे घंटे से अधिक समय तक चली विशेष आम बैठक के बाद कहा, ‘‘आम सभा ने राष्ट्रमंडल खेलों की मेजबानी की दावेदारी को सर्वसम्मति से मंजूरी दे दी है। अब हम अपनी तैयारियों को पूरी गति से आगे बढ़ाएंगे।” कनाडा के दौड़ से बाहर हो जाने के बाद भारत के लिए 2030 राष्ट्रमंडल खेलों की मेजबानी पाने की संभावनाएं बढ़ गई हैं।
कार्यकारी परिषद के सदस्य रोहित राजपाल ने कहा, ‘‘राष्ट्रमंडल खेल 2020 में सभी खेल शामिल होंगे। इसमें वह सभी खेल शामिल होंगे जिनमें हमारी पदक जीतने की संभावना अधिक है।” राजपाल ने 2026 के ग्लासगो राष्ट्रमंडल खेलों की संक्षिप्त सूची का जिक्र किया, जिसमें हॉकी, बैडमिंटन, कुश्ती और निशानेबाजी जैसे प्रमुख खेलों को लागत का हवाला देते हुए शामिल नहीं किया है। उन्होंने कहा, ‘‘खेलों के तीन समूह हैं। पहला, राष्ट्रमंडल खेलों के मुख्य खेल, जो हमेशा होते हैं, फिर वे खेल जिन्हें मेजबान देश चुन सकता है और तीसरा, अतिरिक्त खेल। इनमें हमारे पारंपरिक और स्वदेशी खेल भी शामिल होंगे।
राष्ट्रमंडल खेल निदेशक डैरेन हॉल के नेतृत्व में राष्ट्रमंडल खेल के अधिकारियों की एक टीम ने हाल ही में आयोजन स्थलों का निरीक्षण करने तथा गुजरात सरकार के अधिकारियों से चर्चा करने के लिए अहमदाबाद का दौरा किया था। इस महीने के अंत में राष्ट्रमंडल खेलों के एक प्रतिनिधिमंडल के अहमदाबाद पहुंचने की संभावना है।
राष्ट्रमंडल खेलों की आम सभा नवंबर के आखिरी हफ्ते में ग्लासगो में मेज़बान देश का फैसला करेगी। भारत इससे पहले 2010 में दिल्ली में राष्ट्रमंडल खेलों की मेज़बानी कर चुका है। चौबे ने कहा, ‘‘ निशानेबाजी, तीरंदाजी, कुश्ती आदि जैसे खेलों को इसमें शामिल करने की योजना है। हमारे पारंपरिक खेल जैसे कबड्डी और खो-खो भी इसमें शामिल होने चाहिए।” एसजीएम से पहले सुबह कार्यकारी परिषद की बैठक हुई है।