जेलेंस्की और पुतिन को लेकर ट्रंप के बदलते रहे हैं बोल

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वाशिंगटन{ गहरी खोज }: अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने दूसरे कार्यकाल के लिए अपने प्रचार अभियान के दौरान बार-बार दावा किया था कि वह यूक्रेन में युद्ध को ‘‘24 घंटे में’’ समाप्त करा सकते हैं, लेकिन 20 जनवरी को उनके शपथ ग्रहण के बाद से शांति समझौते की राह ट्रंप, यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के बीच बदलती परिस्थितियों से जटिल होती गई है। ट्रंप और पुतिन के बीच शुक्रवार को अलास्का में होने वाली शिखर वार्ता साढ़े तीन साल पुराने रूस-यूक्रेन युद्ध में निर्णायक मोड़ साबित हो सकती है। ट्रंप ने सोमवार को कहा था कि उस बैठक के अंत में, शायद पहले दो ही मिनटों में, मुझे ठीक-ठीक पता चल जाएगा कि कोई समझौता हो सकता है या नहीं। इस वर्ष ट्रंप की ज़ेलेंस्की और पुतिन दोनों के प्रति बयानबाज़ी में बदलाव आया है।
पुतिन के प्रति पूर्व में प्रशंसा का भाव प्रकट करने वाले ट्रंप अपने दूसरे कार्यकाल की शुरुआत में उनके (पुतिन के) प्रति नरम रुख अपनाए हुए थे। लेकिन जब पुतिन ने ट्रंप द्वारा प्रस्तावित बिना शर्त युद्धविराम को ठुकरा दिया और अपने रुख पर अडे रहे, तो रिपब्लिकन नेता ने रूसी राष्ट्रपति को लेकर अपनी नाराजगी खुलकर जाहिर की। उन्होंने न केवल अमेरिका नीत शांति पहल पर पुतिन के अड़ियल रुख की आलोचना की, बल्कि युद्ध को लंबा खींचने के लिए भी उन्हें जिम्मेदार ठहराया। हाल तक, ट्रंप बार-बार कहते रहे थे कि यूक्रेन की तुलना में रूस समझौता करने के लिए अधिक इच्छुक है। फरवरी में अमेरिकी राष्ट्रपति के कार्यालय ‘ओवल ऑफिस’ में हुई तीखी कहासुनी के बाद ट्रंप का रुख जेलेंस्की के प्रति नरम पड़ता दिख रहा है। इतना ही नहीं ट्रंप ने एक समय यूक्रेन को बेहद जरूरी पैट्रियट वायु रक्षा मिसाइलें एक समझौते के तहत देने का वादा किया था।
रूस की विशालकाय सेना 1,000 किलोमीटर लंबी अग्रिम सीमा के कई हिस्सों पर दबाव बना रही है, जहां फरवरी 2022 में क्रेमलिन द्वारा पूर्ण पैमाने पर आक्रमण का आदेश दिए जाने के बाद से दोनों पक्षों के हजारों सैनिक मारे जा चुके हैं।
ट्रंप ने अपने दूसरे कार्यकाल के दौरान अब तक रूस-यूक्रेन युद्ध के संबंध में क्या कहा है उस पर एक नजर : ट्रंप ने शपथग्रहण के बाद 31 जनवरी, 2025 को कहा था, ‘‘हम उस (रूस-यूक्रेन) युद्ध को खत्म करना चाहते हैं। अगर मैं राष्ट्रपति होता तो वह युद्ध शुरू ही नहीं होता।’’ ट्रंप ने कहा कि उनकी नयी सरकार ने रूस के साथ पहले ही “बहुत गंभीर” बातचीत की है, और वह तथा पुतिन जल्द ही संघर्ष को समाप्त करने की दिशा में “महत्वपूर्ण” कदम उठा सकते हैं। ट्रंप ने 19 फरवरी को कहा था, ‘‘चुनाव के बिना एक तानाशाह, बेहतर होगा कि जेलेंस्की तेजी से आगे बढ़े अन्यथा उनके पास देश ही नहीं बचेगा।’’
ट्रंप द्वारा ज़ेलेंस्की के खिलाफ सोशल मीडिया मंच ‘ट्रुथ’ पर की गई तीखी टिप्पणी की अमेरिका में डेमोक्रेट्स ही नहीं, बल्कि कुछ रिपब्लिकन नेताओं ने भी आलोचना की, जहां परंपरागत रूप से रूस की आक्रामकता के खिलाफ यूक्रेन का समर्थन द्विदलीय सहमति का विषय रहा है।
ज़ेलेंस्की ने कहा कि ट्रंप रूसी दुष्प्रचार के जाल में फंस रहे हैं, हालांकि इसके तुरंत बाद अमेरिकी उपराष्ट्रपति जेडी वेंस ने उन्हें सार्वजनिक रूप से राष्ट्रपति ट्रंप की आलोचना करने के खतरों को लेकर चेतावनी दी।
राष्ट्रपति ट्रंप ने 28 फरवरी को कहा, ‘‘आप (जेलेंस्की) तीसरे विश्व युद्ध का जुआ खेल रहे हैं। और आप जो कर रहे हैं वह देश के प्रति बहुत अपमानजनक है, उस देश के प्रति जिसने आपका भरपूर समर्थन किया है।’’ ट्रंप और वेंस ने मुलाकात के दौरान ज़ेलेंस्की को फटकार लगाई।
ओवल ऑफिस में हुआ यह विवाद, जो दुनियाभर में प्रसारित हुआ, ज़ेलेंस्की की व्हाइट हाउस यात्रा के शेष कार्यक्रम रद्द होने का कारण बना और अमेरिका द्वारा यूक्रेन को दिए जा रहे समर्थन पर भी सवाल खड़े हो गए। कुछ ही दिनों बाद, ट्रंप ने ज़ेलेंस्की पर शांति प्रयासों के लिए दबाव बनाने हेतु यूक्रेन को दी जा रही सैन्य सहायता अस्थायी रूप से रोक दी।
उन्होंने 30 मार्च को कहा, ‘‘मुझे नहीं लगता कि वह अपनी बात से पलटेंगे। आप पुतिन की बात कर रहे हैं। मुझे नहीं लगता कि वह अपनी बात से पलटेंगे। मैं उन्हें लंबे समय से जानता हूं। हमारे बीच हमेशा से अच्छे संबंध रहे हैं।’’
ट्रंप ने 24 अप्रैल को कहा, ‘‘मैं कीव पर रूसी हमलों से खुश नहीं हूं। ये जरूरी नहीं था, और बहुत गलत समय था। व्लादिमीर, रुको! हर सप्ताह 5,000 सैनिक मारे जा रहे हैं। चलो शांति समझौता कर लें।’’
उन्होंने 25 मई को कहा, ‘‘रूस के व्लादिमीर पुतिन के साथ मेरे हमेशा से बहुत अच्छे रिश्ते रहे हैं, लेकिन उन्हें कुछ हो गया है। वह बिल्कुल अजीब काम कर रहे हैं।’’
ट्रंप ने 13 जुलाई को कहा, ‘‘मैं राष्ट्रपति पुतिन से बहुत निराश हूं। मुझे लगा था कि वह जो कहते हैं, वो सच होता है। वह बहुत अच्छी बातें करते हैं और फिर रात में लोगों पर बम गिरा देते हैं। हमें ये पसंद नहीं है।’’
ट्रंप ने पुतिन के साथ शिखर सम्मेलन में जेलेंस्की के शामिल होने के विचार को खारिज करते हुए 11 अगस्त को कहा, ‘‘मैं जेलेंस्की के साथ हूं लेकिन, मैं उनके किए से पूरी तरह असहमत हूं। यह एक ऐसा युद्ध है जो कभी होना ही नहीं चाहिए था।’’

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