सोनम कपूर ने बेटे को अन्नप्राशन में शहद चटाने से कर दिया मना, जानिए बच्चे को शहद चटा सकते हैं या नहीं

लाइफस्टाइल डेस्क { गहरी खोज }: छोटे बच्चों को शहद चटाने की मान्यता काफी पुरानी है। दादी नानी बच्चों को अन्नप्राशन के वक्त शहद खिलाने की सलाह देती हैं। हाल ही में एक्ट्रेस सोनम कपूर के बेटे का अन्नप्राशन हुआ था। जिसके बाद उन्होंने एक एंटरव्यू में बताया कि उन्होंने अपने बेटे वायु को शहद चटाने से मना कर दिया। सोनम ने कहा कि उन्होंने किताबों में पढ़ा है और डॉक्टर ने बताया छोटे बच्चों को शहद चटाने से एक गंभीर बीमारी इन्फेंट बोटुलिज़्म का खतरा बढ़ जाता है। इस बारे में इंडिया टीवी ने भी डॉक्टर से बात की और जानने की कोशिश की कि आखिर बच्चों को खिलाना चाहिए या नहीं। अगर खिलाएं तो किस उम्र के बच्चे के शहद देना सही है और बच्चों को कितनी मात्रा में शहद खिलाना चाहिए?
डॉक्टर विवेक जैन, सीनियर डायरेक्टर एवं यूनिट हेड, पीडियाट्रिक्स (फोर्टिस अस्पताल, शालीमार बाग) के मुताबिक शहद को आयुर्वेद और आधुनिक चिकित्सा, दोनों में सेहत के लिए अच्छा माना जाता है। शहद न सिर्फ स्वादिष्ट होता है, बल्कि इसमें कई औषधीय गुण भी मौजूद हैं। लेकिन, हर उम्र के बच्चे के लिए यह सुरक्षित नहीं होता।
1 साल से कम उम्र के बच्चों को शहद क्यों नहीं देना चाहिए?
डॉ. विवेक जैन ने बताया कि एक साल से कम उम्र के शिशु को शहद नहीं देना चाहिए। इसका कारण है इन्फेंट बोटुलिज़्म का खतरा। यह एक दुर्लभ लेकिन गंभीर बीमारी है, जो शहद में मौजूद बैक्टीरिया क्लोस्ट्रीडियम बोटुलिनम के कारण हो सकती है। इस उम्र में बच्चे की पाचन और प्रतिरक्षा प्रणाली इतनी विकसित नहीं होती कि वह इस बैक्टीरिया से लड़ सके।
बच्चे को शहद कब खिलाना चाहिए?
जब बच्चा एक साल का हो जाए तो आप उसे शुद्ध और ताजा शहद दे सकते हैं। पहले धीरे-धीरे शहद को डाइट में शामिल करें। शुरुआत में लगभग 1 चम्मच (5 मिली) रोजाना शहद खिला सकते हैं। धीरे-धीरे मात्रा बढ़ाकर 2 चम्मच तक दी जा सकती है। अगर कोई एलर्जी जैसी प्रतिक्रिया जैसे खुजली, सूजन, सांस लेने में कठिनाई हो तो तुरंत डॉक्टर को दिखाएं।
शहद के फायदे
- इम्यूनिटी बढ़ाता है।
- संक्रमण से लड़ने में मदद करता है।
- पाचन में सुधार लाता है।
- खांसी और सर्दी-जुकाम में राहत देता है।