देश-दुनिया में कौन-सा अंग सबसे ज्यादा दान किया जाता है और भारत में क्या हैं इसके नियम?

लाइफस्टाइल डेस्क { गहरी खोज }: अंगदान एक नेक काम है, जिससे कई जिंदगियों को बचाया जा सकता है। यही वजह है कि हर साल 13 अगस्त को ‘वर्ल्ड ऑर्गन डोनेशन डे’ मनाया जाता है। ताकि अंगदान के महत्व के बारे में लोगों को जागरूक किया जाए। ऑर्गन डोनेशन का ही मतलब यह होता है कि किसी व्यक्ति के अंग या टिशु को जरूरतमंद मरीज को ट्रांसप्लांट के लिए दान कर देना। यह दान जीवित या मृत्यु के बाद किया जा सकता है।
आज वर्ल्ड ऑर्गन डोनेशन डे के मौके पर आर्टेमिस अस्पताल में किडनी ट्रांसप्लांट और एसोसिएट चीफ, यूरो-ऑन्कोलॉजी और रोबोटिक सर्जरी, डॉ. वरुण मित्तल बता रहे हैं कि देश-दुनिया में सबसे ज्यादा कौन सा अंग दान किया जाता है और अंगदान करने के क्या नियम होते हैं?
सबसे ज्यादा कौन सा अंग दान होता है?
किडनी: किडनी दुनिया में सबसे ज्यादा दान की जाने वाली अंग है। अब आप सोचेंगे कि ऐसा क्यों है, तो इसके दो कारण हैं। पहला यह कि हर व्यक्ति के शरीर में दो किडनी होती है और हम सभी जानते हैं कि एक किडनी के साथ भी इंसान सामान्य जीवन जी सकता है। दूसरा सबसे आम कारण यह है कि किडनी फेलियर के मामलों की संख्या लगातार बढ़ रही है और इस वजह से इसके ट्रांसप्लांट की भी डिमांड ज्यादा है।
लिवर: किडनी के बाद दूसरे नंबर पर आता है लिवर! लिवर को लिविंग दाता से आंशिक रूप से लिया जा सकता है, क्योंकि लीवर खुद को रीजेनरेट करने की क्षमता रखता है।
भारत में अंगदान के क्या नियम हैं?
- भारत में अंगदान को ह्यूमन ऑर्गन एंड टिशु ट्रांसप्लांटेशन एक्ट 1994 और उसके बाद की संशोधनों के मुताबिक रेगुलेट किया जाता है।
- जीवित डोनर माता-पिता भाई-बहन पति पत्नी बच्चे को अंगदान कर सकते हैं। अंगदान करने से पहले दाता का मेडिकली चेक किया जाता है, जिसमें जरूरी ब्लड टेस्ट और भी अन्य जांच होती है जब रिपोर्ट पूरी तरह से नॉर्मल आता है तब जाकर ही अंगदान को मंजूरी दी जाती है।
- अगर किसी व्यक्ति को अंगदान करना है लेकिन उसका कोई रिश्तेदार नहीं है और तो इसके लिए जिला या राज्य स्तर की प्राधिकरण से अनुमति लेना पड़ता है।
- ऑर्गन डोनेशन सिर्फ ब्रेन डेथ या कार्डियक डेथ के बाद ही किया जा सकता है और इसके लिए परिवार की लिखित सहमति जरूरी है।
- अंगदान पूरी तरह से निशुल्क और खुद की मर्जी से होना चाहिए। इसके लिए किसी भी तरीके का आर्थिक लाभ या दबाव कानूनी अपराध है।
- ट्रांसप्लांट सिर्फ सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त अस्पतालों में किया जा सकता है।
- अंगदान करने वाले की उम्र 18 से 65 साल के बीच होनी चाहिए और वह पूरी तरह से स्वस्थ होना चाहिए।
- डोनर को गंभीर बीमारियां जैसे कैंसर, एचआईवी, हेपेटाइटिस या अनकंट्रोल्ड डायबिटीज नहीं होनी चाहिए।
- किडनी दान करते वक्त सबसे पहले दाता और रिसीवर का ब्लड ग्रुप मिलना जरूरी होता है।
अंगदान से जुड़ी जरूरी बातें:
बता दें दिल, फेफड़े, लिवर, किडनी, पेनक्रियाज और छोटी आंत जैसे अंगदान किया जा सकते हैं। लेकिन अगर किसी की मृत्यु दिल के दौरे से होती है, तो वह अपना दिल दान नहीं कर सकता है और अगर किसी व्यक्ति को डायबिटीज है तो वह अपना पैनक्रियाज दान नहीं कर सकता है।
बता दें कि एक ब्रेन डेड दाता अपनी दो किडनी, एक लिवर हार्ट पेनक्रियाज और छोटी आंत दान कर सकता है, जिसे फिर से डिस्ट्रीब्यूशन करके एक एडल्ट एक बच्चे में ट्रांसप्लांट किया जा सकता है। ऐसे में एक व्यक्ति आठ जिंदगियां बचा सकता है।