थानों से पुलिस कर्मी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए कोर्ट में दे सकेंगे गवाही

नई दिल्ली{ गहरी खोज } : दिल्ली के उपराज्यपाल वी.के. सक्सेना ने दिल्ली के सभी पुलिस थानों को “निर्दिष्ट स्थान” के रूप में अधिसूचित करने की मंजूरी दे दी है, जहां से पुलिस अधिकारी वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से विभिन्न अदालतों में गवाही के लिए उपस्थित हो सकेंगे।
इस कदम से दिल्ली पुलिस का विभिन्न अदालतों में लगने वाला समय काफी कम हो जाएगा। इससे यह सुनिश्चित होगा कि विभिन्न मामलों से निपटने वाले पुलिस अधिकारियों को अब यात्रा करने और अदालती कार्यवाही में व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होने की आवश्यकता नहीं होगी, जिससे वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से गवाही देने से समय और संसाधन की बचत होगी।
यह प्रमुख सुधार भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता के तहत वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के ड्राफ्ट मॉडल नियमों (न्याय श्रुति) के तहत किया गया है, जिसमें पुलिस कर्मियों व अधिकारियों के वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से गवाही/बयान दर्ज कराने के लिए पुलिस स्टेशनों को “निर्दिष्ट स्थान” के रूप में शामिल करने की सिफारिश की गई है।
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, जो व्यक्तिगत रूप से तीन नए आपराधिक कानूनों के सुचारू कार्यान्वयन की देखरेख कर रहे हैं, पुलिस स्टेशनों से वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से पुलिस कर्मियों की गवाही पर भी जोर देते रहे हैं। हाल में उन्होंने एक समीक्षा बैठक में पुलिस और अदालतों के बीच सुचारू कामकाज और उचित समन्वय सुनिश्चित करने के लिए पर्याप्त संख्या में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग सुविधाएं स्थापित करने का निर्देश दिया था।
गृह मंत्री ने स्पष्ट रूप से निर्देश दिया था कि किसी भी मामले में पुलिस स्टेशनों पर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग सुविधा केवल पुलिस कर्मियों/अधिकारियों के लिए ही होनी चाहिए और अन्य गवाहों की पुलिस थानों से वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से गवाही नहीं होनी चाहिए।
इसके बाद दिल्ली पुलिस ने सभी 226 पुलिस थानों को “निर्दिष्ट स्थान” के रूप में अधिसूचित करने का अनुरोध किया था, जिसके बाद इस आशय का एक प्रस्ताव दिल्ली सरकार के गृह विभाग द्वारा उपराज्यपाल को भेजा गया था। दिल्ली पुलिस के अनुसार औसतन लगभग 2000 पुलिस अधिकारी प्रतिदिन विभिन्न अदालतों में गवाही देते हैं, जिसके लिए उन्हें अपनी ड्यूटी के दौरान यात्रा कर अदालतों में जाना होता है।
अब पुलिसकर्मियों का अदालतों में पेशी में लगने वाले समय की बचत तो होगी ही पुलिस के समग्र कामकाज में पारदर्शिता और दक्षता भी बढ़ेगी। इससे पहले साक्ष्य उपलब्ध कराने के लिए वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग की सुविधा केवल दिल्ली उच्च न्यायालय, जिला न्यायालयों, दिल्ली की जेलों, अस्पतालों और फोरेंसिक साइंस लैब तथा कुछ सरकारी कार्यालयों में ही उपलब्ध थी।
प्रादेशिक पुलिस स्टेशन 179, मेट्रो पुलिस स्टेशन 16, साइबर पुलिस स्टेशन 15, रेलवे पुलिस स्टेशन 8, अपराध शाखा 2, आईजीआई हवाई अड्डा 2, आर्थिक अपराध शाखा1, स्पेशल सेल 1, महिलाओं के विरुद्ध अपराध प्रकोष्ठ 1 व सतर्कता1 शामिल हैं।