ओसीआई नियमों में सख्ती: दो साल या अधिक की सजा पर रद्द हो सकता है पंजीकरण

0
NorthBlockNewDelhi

नयी दिल्ली{ गहरी खोज }: गृह मंत्रालय ने विदेश में रहनेवाले भारतीय नागरिकों (ओसीआई) से संबंधित नियम कड़े कर दिये हैं। मंत्रालय ने कहा है कि यदि किसी व्यक्ति को दो वर्ष या उससे अधिक की कैद की सजा सुनाई जाती है, या उसके विरुद्ध सात वर्ष या उससे अधिक की कैद की सजा वाले अपराध के लिए आरोप-पत्र दायर किया जाता है तो उसका ओसीआई पंजीकरण रद्द कर दिया जाएगा। ओसीआई कार्ड विदेशों में रहने वाले भारतीय मूल के व्यक्तियों और उनके जीवनसाथी को बहु-प्रवेश, बहुउद्देश्यीय आजीवन वीज़ा के साथ-साथ कुछ आर्थिक और शैक्षिक अधिकार प्रदान करते हैं। नए प्रावधानों को इस बात पर ध्यान दिए बिना लागू किया जाएगा कि कोई व्यक्ति भारत में दोषी सिद्ध हुआ है या विदेश में। हालांकि इसके साथ शर्त यह है कि अपराध को भारतीय कानून के तहत मान्यता होनी चाहिए।
सरकार के इस कदम का उद्देश्य ओसीआई दर्जे को नियंत्रित करने वाले उस कानूनी ढांचे को कड़ा करना है, जिससे विदेश में रहने वाले भारतीय मूल के नागरिकों को कुछ अधिकार और विशेषाधिकार हासिल होते हैं। गृह मंत्रालय ने नागरिकता अधिनियम, 1955 और नागरिकता नियम, 2009 के प्रावधानों के अंतर्गत इस सिलसिले में अधिसूचना जारी की है, जो केंद्र सरकार को निर्दिष्ट शर्तों के तहत ओसीआई पंजीकरण रद्द करने का अधिकार देती है। हाल के वर्षों में ओसीआई कार्ड धारकों के आपराधिक या राष्ट्र-विरोधी गतिविधियों में संलिप्त पाए जाने के मामलों के बाद गृह मंत्रालय ने ओसीआई योजना को और अधिक बारीकी से विनियमित करने के लिए कदम उठाए हैं। सरकार का कहना है कि यह सुविधा एक विशेषाधिकार है, न कि कोई अधिकार, और अगर धारक भारतीय कानूनों का उल्लंघन करता पाया जाता है तो इसे वापस लिया जा सकता है। यह नवीनतम अधिसूचना ओसीआई कार्ड के दुरुपयोग को रोकने में सहायक होगी और इस योजना की अखंडता को बनाए रखने में मदद करेगी।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *