कॉन्स्टीट्यूशन क्लब के सचिव पद पर रूडी ने दर्ज की जीत, बाल्यान को 102 मत से हराया

नयी दिल्ली{ गहरी खोज } : भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सांसद राजीव प्रताप रूडी ने कॉन्स्टीट्यूशन क्लब के सचिव पद पर जीत दर्ज की है।
कॉन्स्टीट्यूशन क्लब के सचिव पद के लिए मंगलवार को हुए चुनाव में 25 पच्चीस साल से निर्विरोध रूप सो इस पद की जिम्मेदारी संभाल रहे श्री रूडी को इस बार उन्हीं की पार्टी के पूर्व सांसद संजीव बाल्यान से कड़ी टक्कर मिली। श्री रूडी ने हालांकि जीत दर्ज की और इसके बाद सभी का धन्यवाद किया। उन्होंने कहा, “मैं 100 से ज्यादा वोटों से जीता हूं। अगर इसे 1000 वोटों से गुणा किया जाए, तो यह संख्या एक लाख हो जाती है। यह मेरे पैनल की जीत है। मैं आभार व्यक्त करना चाहूंगा। सभी पार्टियों के नेताओं ने इसमें भागीदारी ली।”
उन्होंने कहा, “मेरे पैनल में भाजपा, कांग्रेस, समाजवादी पार्टी, तृणमूल कांग्रेस, तेलुगु देशम पार्टी (तेदेपा) और निर्दलीय सदस्य भी थे। सबकी मेहनत से ये कामयाबी मिली है तो मैं उन सभी को आभार व्यक्त करना चाहूंगा। मुझे लगता है मेरे सांसद मित्रों और मेरी टीम तथा मुझे पिछले दो दशकों की मेहनत का फल मिला। ”
बारह सौ से ज्यादा सदस्यों वाले कॉन्स्टीट्यूशन क्लब में सचिव पद को लेकर मंगलवार को मतदान हुआ। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, भाजपा अध्यक्ष जे.पी. नड्डा समेत केंद्रीय मंत्री और सांसदों ने मतदान किया। इस चुनाव में कांग्रेस की वरिष्ठ नेता सोनिया गांधी, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे समेत क्लब के कई अन्य सदस्यों ने भी मतदान किया।
मतदान की प्रक्रिया मंगलवार को पूर्वाह्न 11 बजे शुरू हुई और शाम पांच बजे तक चली। इस दौरान कुल 707 वोट पड़े। इनमें से 38 पोस्टल बैलेट थे जो सभी श्री रूडी को मिले। वहीं 669 सदस्यों ने मतदान केंद्र पर पहुंचकर मतदान किया। इस चुनाव में कुल 682 वैध मत पड़े। मतदान की प्रक्रिया पूरी होने के तुरंत बाद ही वोटों की गिनती शुरू हुयी। क्लब के पदाधिकारियों के चुनाव में यह अब तक का सबसे अधिक मतदान है। श्री रूडी को कुल 392 वोट मिले, जबकि श्री बाल्यान ने 290 मत हासिल किया।
मतदान के शुरुआती दौर में भाजपा के दोनों ही नेताओं के बीच कांटे का मुकाबला नजर आया, लेकिन जैसे-जैसे मतगणना आगे बढ़ी तो श्री रूडी ने अपने विरोधी श्री बाल्यान से बढ़त बना ली और आखिरकार जीत दर्ज करने में सफल रहे।
श्री बाल्यान ने कहा कि पहली बार लोगों को इस क्लब के बारे में पता चला है। साठ फीसदी से ज्यादा वोटिंग हुयी है। उन्होंने कहा, “इस क्लब का एक इतिहास है और इसकी एक गरिमा है। कई सांसद भी कॉन्स्टिट्यूशन क्लब सदस्य नहीं हैं। मुझे उम्मीद है कि और ज्यादा सांसद इसमें पार्टीसिपेट करेंगे। उन्होंने कहा कि ये एतिहासिक क्लब है, यहां बड़े-बड़े राजनीतिक फैसले भी हुए हैं। अपनौपचारिक चर्चाएं बहुत हुई हैं। बहुत से आंदोलन की रूपरेखा भी यहीं से निकली है। कॉन्स्टिट्यूशन क्लब एक केंद्र बिंदु रहा है और भविष्य में भी बना रहे, यही प्रयास है।”