तमिलनाडु में बुजुर्गों और दिव्यांगों के घर पर राशन पहुंचाने के कार्यक्रम की शुरुआत हुई

चेन्नई{ गहरी खोज }: तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम. के. स्टालिन ने मंगलवार को वरिष्ठ नागरिकों और दिव्यांगजनों सहित 21 लाख से अधिक लाभार्थियों के घर तक राशन पहुंचाने की योजना ‘‘मुख्यमंत्री थायुमानवर योजना’’ का आरंभ किया। मुख्यमंत्री स्टालिन ने इस पहल को अपने दिल के करीब बताया, क्योंकि इससे 70 वर्ष से अधिक आयु के वरिष्ठ नागरिकों और दिव्यांगों को लाभ होगा। स्टालिन ने इस उद्देश्य के लिए बने वाहनों को हरी झंडी दिखाकर योजना की शुरुआत की और कुछ लाभार्थियों के घर जाकर उन्हें आवश्यक वस्तुएं भी सौंपीं। उन्होंने कहा कि यह योजना राशन कार्ड धारकों के उक्त समूह को उचित मूल्य की दुकानों तक पहुंचने में आने वाली कठिनाइयों को ध्यान में रखते हुए तैयार की गई थी और इस योजना पर आने वाला 30.16 करोड़ रुपये का अतिरिक्त खर्च जनता के प्रति सरकार की ‘‘जीवन रक्षक जिम्मेदारी’’ है।
उन्होंने सोशल मीडिया पर एक वीडियो जारी कर अपने बयान में कहा, ‘‘हर योजना के निर्माण में बहुत सोच-विचार किया जाता है और ‘थायुमानवर योजना’ मेरे दिल के बहुत करीब है। सहकारिता विभाग द्वारा शुरू की गई इस योजना का उद्देश्य बुजुर्गों और दिव्यांगों के घर तक राशन पहुंचाना है। मुझे इसका उद्घाटन करते हुए खुशी हो रही है।’’ तमिलनाडु भर में 34,809 उचित मूल्य की दुकानों में लागू होने वाली इस योजना से 21,70,454 लोगों को लाभ होगा, जिनमें से अधिकतर बुजुर्ग हैं। तमिलनाडु ऐसी ‘घर-घर आपूर्ति’ पहलों में ‘अग्रणी’ रहा है। सरकार केवल योजना की घोषणा करने तक ही सीमित नहीं रहती, बल्कि यह भी देखती है कि क्या अंतिम पात्र व्यक्ति को इसका लाभ मिल रहा है।
उन्होंने कहा, ‘‘हम इस योजना में शामिल 30.16 करोड़ रुपये को अतिरिक्त खर्च के रूप में नहीं, बल्कि लोगों के प्रति एक जीवन रक्षक जिम्मेदारी के रूप में देखते हैं। यह सहकारिता विभाग की एक बड़ी सेवा है।’’ उन्होंने कहा कि तमिलनाडु में कुल 37,328 उचित मूल्य की दुकानें हैं, जिनमें से 2,394 द्रविड़ मुनेत्र कषगम (द्रमुक) सरकार के चार वर्षों के कार्यकाल में जोड़ी गई हैं। स्टालिन ने कहा, ‘‘चूंकि हम इन दुकानों को कुशलतापूर्वक और उचित ढंग से चलाते हैं, इसलिए आज तमिलनाडु भुखमरी से होने वाली मौतों से मुक्त है। हम इन राशन की दुकानों के उपयोग को और सरल बनाने का प्रयास कर रहे हैं।’’
इस बीच, एक आधिकारिक विज्ञप्ति में कहा गया है कि इस पहल के तहत, हर दूसरे शनिवार और रविवार को लाभार्थियों के घर पर राशन पहुंचाया जाएगा। खाद्य एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग से संबंधित विवरण पहले ही प्राप्त हो चुके हैं और संबंधित क्षेत्रीय कर्मचारियों के साथ साझा किए जा चुके हैं। विज्ञप्ति के अनुसार, कर्मचारी पात्र लाभार्थियों तक राशन पहुंचाएंगे। इस पहल के तहत उन्हें एक इलेक्ट्रॉनिक वजन तौलने की मशीन और ई-पीओएस (पॉइंट ऑफ सेल) मशीन भी उपलब्ध कराई जाएगी। विज्ञप्ति में कहा गया है कि इस योजना से लगभग 20.42 लाख वरिष्ठ नागरिक और 1.27 लाख से अधिक दिव्यांगजन लाभान्वित होंगे।
सत्तारूढ़ द्रमुक ने पहले ही स्वास्थ्य क्षेत्र में मक्कलाई थेडी मारुथुवम (एमटीएम) योजना सहित इसी तरह की सेवाओं की घर-घर आपूर्ति शुरू की है, जहां सरकार घर पर स्वास्थ्य देखभाल सेवाएं प्रदान करती है, जिसमें अन्य के अलावा वयस्कों के लिए मधुमेह और स्तन कैंसर की जांच शामिल है।