धर्मस्थला घटना का राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने लिया संज्ञान, जांच की शुरू

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मंगलौर{ गहरी खोज }: राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) ने कर्नाटक के दक्षिण कन्नड़ ज़िले के धर्मस्थल गांव में सैकड़ों शवों को दफनाने के मामले की जांच शुरू कर दी है। आयोग ने स्वतः संज्ञान लेते हुए शिकायत दर्ज की है और जांच शुरू कर दी है। दरअसल, धर्मस्थल के एक पूर्व सफाई कर्मचारी ने 11 जुलाई, 2025 को मंगलुरु की एक काेर्ट में गवाही दी कि उसने सैकड़ों शवों को दफनाया था। उसने आराेप लगाया था कि वर्ष 1995 से 2014 के बीच जिन एक साै से अधिक महिलाओं, बच्चाें के शव को दफनाया था, उनमें से कई यौन उत्पीड़न के शिकार हुए थे। इस बयान के बाद कर्नाटक सरकार ने एक विशेष जांच दल का गठन कर दफन शवाें के अवशेषाें की तलाश में खुदाई शुरू करा रही है। इस मामले में एसआईटी जांच कर रही है। एसआईटी की देखरेख में हाे रही खुदाई में 31 जुलाई को एक आंशिक कंकाल बरामद हुआ था। यह लगभग 4 फीट की गहराई पर पाया गया था और इसे फोरेंसिक जाँच के लिए भेज दिया गया है।
इसी बीच एनएचआरसी ने इस मामले का स्वत: ज्ञान लिया और शिकायत दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। एनएचआरसी की टीम ने उक्त अवधि में अप्राकृतिक मौतों के दर्ज मामलों का विवरण एकत्र करना शुरू कर दिया है। एनएचआरसी की टीम ने इसके लिए बेलथांगडी एसआईटी कार्यालय, धर्मस्थल ग्राम पंचायत और स्थानीय पुलिस स्टेशन का दौरा किया। इसके साथ नेत्रवती नदी स्नान घाट, बाहुबली हिल रोड और वन क्षेत्रों जैसे कई स्थानों का निरीक्षण भी किया।
एनएचआरसी इस बात की जांच कर रही है कि क्या ग्राम पंचायत और पुलिस ने कानूनी प्रक्रियाओं का पालन करते हुए अज्ञात शवों का निपटान किया था। शवों के निपटान में शामिल कर्मचारियों के बयान दर्ज किए गए हैं। एनएचआरसी की इस कदम से इस मामले काे लेकर बहस छिड़ गई है। धर्मस्थल में गंभीर मानवाधिकार उल्लंघनों की सच्चाई सामने आने की उम्मीद है।

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