कबूतरखाना बंद किए जाने के मुद्दे पर क्षेत्र में तनाव

मुंबई{ गहरी खोज }:बॉम्बे उच्च न्यायालय के निर्देश के बाद दादर कबूतरखाना बंद करने के मुद्दे ने क्षेत्र में तनाव पैदा कर दिया है।
इससे पहले बृहन्मुंबई नगर निगम (बीएमसी) ने कबूतरखाना को तिरपाल से ढककर सील कर दिया था। हालाँकि हाल ही में जैन समुदाय के सदस्यों ने अचानक विरोध प्रदर्शन कर तिरपाल फाड़ दिया था।
विरोध प्रदर्शन के दौरान दादर इलाके में जमा जैन समुदाय के लोगों की भीड़ बेहद आक्रामक हो गई। भीड़ ने बीएमसी द्वारा तिरपाल को सुरक्षित रखने के लिए इस्तेमाल किए गए बांस के डंडे तोड़ दिए । समुदाय की कुछ महिलाओं ने रस्सियाँ और डोरियाँ काटने के लिए कथित तौर पर हाथों में चाकू ले रखे थे।
घटना के बाद जैन मुनि नीलेशचंद्र विजय ने कड़ा बयान देते हुए कहा “अगर अदालत हमारे धर्म के आड़े आएगी तो हम उसकी भी बात नहीं मानेंगे।” उनकी इस टिप्पणी की बाद में व्यापक आलोचना हुई है।
इस बीच जवाब में मराठी एकीकरण समिति ने आज घोषणा की कि वह जैन समुदाय के कार्यों का विरोध करेगी। संगठन ने कानून का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की। समिति ने कबूतरखाना स्थायी रूप से बंद करने का आह्वान करते हुये बुधवार को दादर में विरोध प्रदर्शन की चेतावनी दी है।
अभी यह पता नहीं चल सका है कि पुलिस विरोध प्रदर्शन की अनुमति देती है या नहीं। इस बीच अगर समिति के कार्यकर्ता सड़कों पर उतरते हैं तो मनसे और ठाकरे गुट जैसे राजनीतिक दल आंदोलन को अपना समर्थन दे सकते हैं।