मप्र में समरसता कजलियां महोत्सव के आयोजन ने रच दिया इतिहास

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मप्र में संस्कारधानी में पहली बार वृहद स्तर पर एक साथ एकत्रित हुए हिन्‍दू समाज के विभिन्न वर्ग
जबलपुर{ गहरी खोज }: मप्र की संस्‍कारधानी जबलपुर रविवार से सोमवार देर रात तक कजलियों के उत्‍सवी आनंद में सराबोर रही। त्यौहार को लेकर प्रदेश का सबसे बड़ा समरसता के साथ कजलियां महोत्सव हनुमानताल में मनाया गया। समरस भारत-समृद्ध भारत के उद्घोष के साथ देर रात तक चला यह वृहद आयोजन समरसता सेवा संगठन के द्वारा आयोजित किया गया था। यह आयोजन प्रसिद्ध सन्तों, किन्नर गुरुओं , विश्विद्यालयों के कुलपतियों, सांसद, विधायकों, सहित जनप्रतिनिधियों, प्रशासनिक अधिकारियों की उपस्थिति में मना।
दरअसल, संगठन के अध्यक्ष संदीप जैन के आह्वान पर जबलपुर के सभी समाजों ने इस कार्यक्रम में हिस्सा लिया और सहभागिता दी। इस अवसर पर उपस्थित सर्व प्रथम एक दूसरे को कजलिया देकर संतो का मिलन हुआ, उसके उपरांत मंच पर लगातार लाइन लगाकर उपस्थित जनसमुदाय ने संतों से कजलिया लेते हुए आशीर्वाद लिया। यहां संतों के साथ कन्याओं का भी पूजन किया गया। इस मौके पर निबंध, मेंहदी सहित अन्य प्रतियोगिताओं के विजयी प्रतिभागियों को पुरस्कृत किया गया। स्वागत उद्बोधन में जैन ने कहा कि इस रूप में जो कजलियां मिलन दिख रहा है, उसमें सर्व समाज और जाति के लोगों का सहयोग है। ये सहयोग बताता है कि समरसता के प्रति किस तरह से जन जागरण को सफलता मिल रही है। उन्होंने सभी का स्वागत करते हुए आगंतुकों का आभार भी जताया।
इस ऐतिहासिक आयोजन में किन्नर समाज जुलुस के साथ सम्मिलित हुआ। शामिल किन्नर गुरुओं ने संस्कारधानी कजलिया महोत्सव के लिए संगठन को बधाई देते हुए संस्कारधानी वासियों के सुख-समृद्धि की कामना करते हुए स्वछता बनाये रखने, बुजुर्गों की सेवा करने और सद्भाव और समरस होकर रहने की कामना की। इस अवसर पर बुंदेलखंड के सुपरहिट लोकगीत गायक जित्तू खरे, प्रसिद्ध गायक मनीष अग्रवाल मोनी, मिठाईलाल चक्रवर्ती, रवि शुक्ला, नरेन्द्र राज, सविता मिश्रा, इंदु मिश्रा ने समां बांध दिया।
उपस्थित सन्तों ने इस अवसर पर कहा कि देश मे सनातन की जो शक्ति नजर आती है, वो अद्भुत है। संहिष्णुता, एकता और भारतीयता के लिहाज से ये बहुत बड़ी सेवा और सफलता है। पूज्य संतों ने कहा कि समरसता भारतीय संस्कृति की आत्मा है। समरसता के बगैर भारतीय समाज निष्प्राण है। समरसता सेवा संगठन ने समाज में समरसता के प्राण फूंक रहा है।
कजलियां महा महोत्सव में पारंपरिक स्वादिष्ट और जायकेदार खान-पान में भी सामाजिक सहभागिता रही, जिसमे जैन समाज द्वारा गुड़ की जलेबी और मोटे सेव, राजपूत समाज द्वारा , पंजाबी समाज एवं अग्रवाल समाज द्वारा पूड़ी सब्जी, सिंधी समाज द्वारा कढ़ी चावल, स्वर्णकार समाज द्वारा स्वीर कॉर्न, राजपूत सभा द्वारा जगन्नाथ का भात, चौरसिया समाज द्वारा मुखवास पान, अखिल भारतीय कायस्थ सभा द्वारा पानी बड़ा, बारी समाज द्वारा चना जोर गरम, मांझी समाज द्वारा चना जोर, सोनकर समाज द्वारा खिचड़ी युवा रजक समाज द्वारा ठंडा जल का जायका आयोजन स्थल उपलब्ध कराया गया। यह वितरण अनवरत जारी रहा।
कजलियां महा महोत्सव में पूज्य स्वामी सुखानन्द द्वाराचार्य स्वामी राघवदेवाचार्य जी, नृसिंह पीठाधीश्वर जगद्गुरु डॉ. नरसिंहदेवाचार्य जी, स्वामी गिरीशानंद जी साकेतधाम, स्वामी राधे चैतन्य जी, जगद्गुरु बालगोविन्दा चार्य जी, स्वामी पगलानंद जी, स्वामी अशोकानंद जी, साध्वी ज्ञानेश्वरी दीदी जी,महंत कालीनन्द जी, महंत राजेश्वरआनन्द जी, स्वामी चंद्रशेखरानन्द जी, पं वासुदेव शास्त्री, पं रोहित दुबे, पं देवेंद्र त्रिपाठी, पं अमन बाजपेई, पं आशुतोष दीक्षित, सहित अनेक संतवृंद महंत ने उपस्थित होकर अपने आशीर्वचन दिए।
इनके अलावा सांसद आशीष दुबे, महापौर जगत बहादुर अन्नू, विधायक सुशील तिवारी इंदू, नीरज सिंह, भाजपा जिला अध्यक्ष रत्नेश सोनकर, क़ृषि विश्वविद्यालय कुलपति प्रो.पी के मिश्रा, वरिष्ठ नेता प्रभात साहू, लेखराज सिंह मुन्ना, नगर निगम अध्यक्ष रिंकू विज, रविकिरण साहू, पूर्व विधायक अंचल सोनकर, नीलेश अवस्थी, धीरज पटेरिया, डॉ जितेंद्र जामदार, डॉ अखिलेश गुमस्ता डॉ पवन स्थापक, उपमहाधिवक्ता विवेक शर्मा, डॉ वाणी अहलुवालिया, आलोक पाठक, कैलाश अग्रवाल बब्बा, कैलाशचंद्र जैन, राममूर्ति मिश्रा, एड सुधीर नायक, कमलेश अग्रवाल, सहित कई गणमान्य जनों ने उपस्थित होकर कार्यक्रम की शोभा बढ़ाई। कार्यक्रम के समापन पर समरसता सेवा संगठन के सचिव उज्जवल पचौरी ने सभी का आभार व्यक्त किया।

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