बहुला चतुर्थी कब है? जानें कब और कैसे की जानी है पूजा

धर्म { गहरी खोज } : हर साल भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को बहुला चतुर्थी तिथि को बहुला चतुर्थी का व्रत मनाया जाता है। यह साल की 4 मुख्य चतुर्थी तिथियों के पर्व में से एक है, इसलिए धर्मग्रंथों में इसे विशेष बताया गया है। इस दिन महिलाएं पहले गणेश भगवान की और फिर चंद्र देव की पूजा करती है, इसे संकष्टी चतुर्थी के नाम से भी जाना जाता है। इस साल बहुला चतुर्थी या कहें बोल चौथ का व्रत अगस्त के दूसरे सप्ताह में किया जाएगा। ऐसे में आइए जानते हैं कि कब मनाई जाएगी बहुला चतुर्थी…
कब मनाई जाएगी बहुला चतुर्थी 2025?
हिंदू पंचांग के मुताबिक, भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि 12 अगस्त की सुबह 08.41 बजे से आरंभ होगी, जो 13 अगस्त की सुबह 06.35 मिनट तक रहेगी। चूंकि चतुर्थी तिथि का चंद्रमा 12 अगस्त को उदय हो रहा, ऐसे में इसी दिन बहुला चतुर्थी मनाई जाएगी।
शुभ मुहूर्त
पंचांग के मुताबिक, इसी दिन सुकर्मा और सर्वार्थसिद्धि योग भी बन रहे हैं, जो पूरे दिन रहेंगे। बहुला चतुर्थी के दिन भगवान गणपति की पूजा चंद्रमा के उदय होने से पहले की जाती है, और बाद में चंद्रमा की। ऐसे इस दिन भगवान गणेश की पूजा का शुभ मुहूर्त रात 08.00 बजे से 08.45 बजे तक रहेगा। रात 08.59 बजे पर चंद्रमा उदय होने पर चंद्रदेव की पूजा कर सकते हैं।
बहुला चतुर्थी 2025 की पूजा विधि
- सुबह जल्दी स्नान करें और साफ कपड़े पहनें।
- फिर मंदिर की सफाई करें और भगवान गणेश को एक चौकी पर विराजमान करें।
- गणेश जी के मंत्रों का उच्चारण करें और उनकी प्रतिमा पर तिलक लगाएं और फूल चढ़ाएं।
- फिर गणेश जी के सामने गाय की शुद्ध घी का दीप जलाएं।
- फिर अबीर, गुलाल, रोली, हल्दी, फूल, दूर्वा और नारियल आदि एक-एक चीज चढ़ाएं और भगवान गणेश जी को भोग लगाएं।
- इसके बाद गणेश जी की आरती करें और व्रत का संकल्प लें।
- फिर शाम के समय में ऐसे की गणेश जी की पूजा करें और फिर चंद्रमा के उदय होने पर उन्हें अर्घ्य दें। अंत में अपनी मनोकामना कहें।
- पूजा के बाद प्रसाद ग्रहण करें और फिर भोजन करें।