बेंगलुरु में प्रधानमंत्री का ‘टेक आत्मनिर्भरता’ का आह्वान,भारत की जरूरतों को दें अधिक प्राथमिकता

नई दिल्ली{ गहरी खोज }: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रविवार को भारत को तकनीक के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि भारतीय टेक कंपनियों ने दुनियाभर में अपनी पहचान बनाई है। अब समय आ गया है कि हम भारत की ज़रूरतों को और अधिक प्राथमिकता दें, ताकि तकनीक का लाभ देश के हर नागरिक तक पहुंचे।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी आज ‘टेक सिटी’ बेंगलुरु में शहरी संपर्क परियोजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास करने के बाद एक सार्वजनिक समारोह को संबोधित कर रहे थे। प्रधानमंत्री मोदी ने यहां केएसआर रेलवे स्टेशन पर तीन वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेनों को हरी झंडी दिखाई। इसके अलावा बेंगलुरु में मेट्रो की दूसरे फेज की येलो लाइन का उद्घाटन और मेट्रो के तीसरे फेज का शिलान्यास भी किया। मोदी ने मेट्रो में आरवी रोड (रागीगुड्डा) से इलेक्ट्रॉनिक सिटी मेट्रो स्टेशन तक सवारी भी की। मेट्रो में सफर के दौरान प्रधानमंत्री मोदी के साथ कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया, उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार और केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल खट्टर भी मौजूद थे। प्रधानमंत्री ने मेट्रो में यात्रा कर रहे छात्रों से बातचीत भी की।
समारोह में प्रधानमंत्री मोदी ने ऑपरेशन सिंदूर का उल्लेख करते हुए कहा कि इस सफलता में भारत की ‘मेक इन इंडिया’ की ताकत थी। इस ‘मेक इन इंडिया’ की ताकत के निर्माण में बेंगलुरु और कर्नाटक के युवाओं का महत्वपूर्ण योगदान रहा। भारतीय सेना ने पाकिस्तान के सैकड़ों किलोमीटर अंदर जाकर आतंकवादी ठिकानों को नेस्तनाबूद कर दिया। इसका परिणाम था कि पाकिस्तान कुछ ही घंटे में घुटने पर आ गया। प्रधानमंत्री ने कहा कि बीते 11 वर्षों में भारत ने उल्लेखनीय उपलब्धियां हासिल की हैं। आज भारत दुनिया की सबसे तेज़ी से बढ़ती बड़ी अर्थव्यवस्था है। इसकी गति का स्रोत रिफॉर्म, परफॉर्म, ट्रांसफॉर्म की भावना, ईमानदार नीयत और सतत प्रयास रहा है। अब इन उपलब्धियों के बीच हमारी अगली बड़ी प्राथमिकता ‘टेक आत्मनिर्भर’ भारत होनी चाहिए।
टेक्नोलॉजी और आत्मनिर्भरता की दिशा में बढ़ते कदमों का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि आज भारत लो-कॉस्ट, हाई-टेक स्पेस मिशन का वैश्विक उदाहरण बन चुका है। भारत अपने एआई मिशन से वैश्विक एआई नेतृत्व की दिशा में बढ़ रहा है। सेमीकंडक्टर मिशन भी अब गति पकड़ रहा है और जल्द ही ‘मेड इन इंडिया’ चिप उपलब्ध होगी। प्रधानमंत्री ने भारतीय टेक कंपनियों से स्थानीय प्राथमिकताओं पर ध्यान देने को कहा। उन्होंने कहा कि अब समय आ गया है कि हम भारत की ज़रूरतों को और अधिक प्राथमिकता दें, ताकि तकनीक का लाभ देश के हर नागरिक तक पहुंचे। भारतीय टेक कंपनियों ने दुनियाभर में अपनी पहचान बनाई है। हमने पूरे विश्व के लिए सॉफ्टवेयर और प्रोडक्ट बनाए हैं।
प्रधानमंत्री ने आंकड़ों के साथ देश में इन्फ्रास्ट्रक्चर और कनेक्टिविटी में हुई प्रगति को रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि आज भारत के पास दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा मेट्रो नेटवर्क है। रेलवे विद्युतीकरण में भी ऐतिहासिक प्रगति हुई है। प्रधानमंत्री ने बेंगलुरु शहर को न्यू इंडिया के उत्थान का प्रतीक बताया और कहा कि यह एक ऐसा शहर जिसकी आत्मा में तत्व ज्ञान है और जिसके कार्यों में टेक ज्ञान है। यह शहर ग्लोबल आईटी मैप पर भारत का परचम लहरा चुका है और डिजिटल इंडिया की यात्रा में अग्रणी भूमिका निभा रहा है। प्रधानमंत्री ने कहा कि आज प्रारंभ की गई कनेक्टिविटी परियोजनाओं से व्यापार, पर्यटन और क्षेत्रीय कनेक्टिविटी को बल मिलेगा।
प्रधानमंत्री ने आज बेंगलुरु शहर में मेट्रो के दूसरे फेज की यलो लाइन का उद्घाटन किया। दूसरे फेज की यह यलो मेट्रो लाइन 19.15 किलोमीटर लंबी है और इस पर 16 स्टेशनों बने हैं। इसके निर्माण पर 7,600 करोड़ से अधिक की लागत आई है। इसके साथ ही बेंगलुरु मेट्रो का नेटवर्क 96 किलोमीटर हो गया। यह सेवा कल (सोमवार) से जनता के लिए उपलब्ध होगी और शुरुआत में हर 25 मिनट में ट्रेनें चलेंगी।
प्रधानमंत्री मोदी ने बेंगलुरु के केएसआर रेलवे स्टेशन पर तीन लंबी दूर की वंदे भारत ट्रेनों को हरी झंडी दिखा कर रवाना किया। इनमें बेंगलुरु–बेलगावी वंदे भारत एक्सप्रेस को स्टेशन पर ही हरी झंडी दिखाई। इसके अलावा श्री माता वैष्णो देवी कटरा–अमृतसर और अजनी (नागपुर)–पुणे वंदे भारत ट्रेनों को वर्चुअल माध्यम से हरी झंडी दिखाकर रवाना किया।
प्रधानमंत्री ने आज यहां 15,610 करोड़ रुपये से अधिक की लागत वाली बेंगलुरु मेट्रो चरण-3 की ऑरेन्ज लाइन की आधारशिला भी रखी। इस परियोजना की कुल लंबाई 44 किलोमीटर से अधिक होगी और इसमें 31 एलिवेटेड स्टेशन होंगे। इस चरण में 31 नए स्टेशन शामिल हैं, जो शहर के दक्षिण-पश्चिम और पश्चिमी क्षेत्रों के वंचित क्षेत्रों को मेट्रो नेटवर्क से जोड़ने में मदद करेंगे। यह बुनियादी ढांचा परियोजना शहर की बढ़ती परिवहन जरूरतों को पूरा करेगी और आवासीय, औद्योगिक, वाणिज्यिक और शैक्षणिक क्षेत्रों की आवश्येकताओं को पूरा करेगी।