वोट चोरी लोकतंत्र पर सीधा हमला है, देश की जनता के खिलाफ गहरी साजिश: अजय राय

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वाराणसी{ गहरी खोज }: उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष अजय राय ने सत्‍ता पक्ष पर वोट चोरी करने का आरोप लगाया है। प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि वाराणसी लोकसभा चुनाव 2024 में मतगणना में हम आगे चल रहे थे तब गिनती को जानबूझकर धीमा कर दिया गया। यह सिर्फ एक चुनावी घोटाला नहीं, बल्कि संविधान और लोकतंत्र के साथ किया गया सबसे बड़ा धोखा है। भाजपा का पूरा सिस्टम काशी में लगा हुआ था।
प्रदेश अध्यक्ष रविवार अपरान्ह में लहुराबीर महामंडल नगर स्थित अपने आवासीय कैंप कार्यालय में पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे। प्रदेश अध्यक्ष अजय राय ने सीधे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा पर काशी लोकसभा चुनाव में “वोट चोरी” का गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि 2024 का काशी चुनाव लोकतांत्रिक प्रक्रिया का मज़ाक बनाकर, फर्जी वोटिंग, मतदाता सूची में हेरफेर और सरकारी मशीनरी के खुले दुरुपयोग से भाजपा के पक्ष में जबरन मोड़ा गया। उन्होंने कहा कि लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी द्वारा पेश किए गए पुख्ता सबूतों से यह स्पष्ट है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार वोट चोरी से बनी है और काशी में संगठित तरीके से मतदाता सूची में फर्जी नाम जोड़े गए और बाहरी राज्यों के लोगों को वोट डलवाया गया।
उन्होंने उदाहरण देते हुए बताया कि ‘विशाल सिंह’ नामक व्यक्ति का नाम एक साथ कर्नाटक और काशी, दोनों जगह मतदाता सूची में दर्ज है। यही व्यक्ति वाराणसी के कैंट विधानसभा क्षेत्र में काशी के आरएसएस संचालित निवेदिता शिक्षा सदन बालिका इंटर कालेज तुलसीपुर स्कूल में वोट डाला। ऐसे लाखों फर्जी मतदाता भाजपा-आरएसएस के कार्यकर्ता होते हैं, जो विभिन्न क्षेत्रों में जाकर बार-बार मतदान करते हैं। प्रदेश अध्यक्ष ने चुनाव आयोग से भी सवाल किया। पूछा कि विपक्ष को डिजिटल वोटर लिस्ट क्यों नहीं दी जा रही? आखिर क्या छुपाया जा रहा है?। सीसीटीवी फुटेज और वीडियो सबूत क्यों मिटाए जा रहे हैं? और किसके इशारे पर?। वोटर लिस्ट में गड़बड़ी और फर्जी वोटिंग क्यों की गई?। विपक्षी नेताओं को धमकाने और डराने का खेल क्यों चल रहा है?। वाराणसी में चुनाव वाले दिन विपक्ष के जनप्रतिनिधियों,नेताओं को नजरबंद किया जा रहा था और वोटरों को धमकाया जा रहा था ? । कई राज्यों के मुख्यमंत्री और राज्यपाल, पूरी भाजपा कैबिनेट काशी की सड़कों पर चुनाव प्रचार में उतार दी गई थी। पानी की तरह पैसा बहाया गया। भाजपा नेताओं ने 10 लाख वोट के अंतर से जीतने का दावा किया, लेकिन नतीजों में किसी तरह मात्र डेढ़ लाख वोट से वोट चोरी करके बचते-बचाते जीत पाए।

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