बीते सप्ताह सरसों, मूंगफली को छोड़कर बाकी तेल-तिलहन में सुधार

नयी दिल्ली{ गहरी खोज }: बीते सप्ताह घरेलू तेल-तिलहन बाजार में सरसों और मूंगफली तेल-तिलहन को छोड़कर बाकी सभी के दाम सुधार दर्शाते बंद हुए। बाजार सूत्रों ने कहा कि समीक्षाधीन सप्ताह में सरसों तेल के दाम आयातित खाद्य तेलों के मुकाबले 35-40 रुपये किलो अधिक रहे और इस भाव पर सरसों का खपना मुश्किल है। खाद्य तेलों की त्योहारी मांग बढ़ रही है और गरीब उपभोक्ता सरसों की जगह सोयाबीन या पामोलीन जैसे खाद्य तेल का रुख कर रहे हैं। ऊंचे दाम पर मांग प्रभावित रहने से बीते सप्ताह सरसों तेल-तिलहन के दाम गिरावट के साथ बंद हुए।
सूत्रों ने बताया कि मूंगफली तेल-तिलहन के दाम भी समीक्षाधीन सप्ताह में गिरावट के साथ बंद हुए। मूंगफली की गर्मी की जो फसल बाजार में आई है, बरसात के कारण उसमें नमी होने से किसानों को इसे नीचे दाम पर बेचना पड़ रहा है।
उन्होंने कहा कि अक्टूबर में सोयाबीन, मूंगफली और कपास की नयी फसल आ जायेगी। आगामी फसलों के लिए सरकार ने न्यूनम समर्थन मूल्य (एमएसपी) भी बढ़ाया दिया है। खरीफ सोयाबीन फसल का एमएसपी 436 रुपये बढ़ाकर 5,328 रुपये क्विंटल और मूंगफली का एमएसपी 480 रुपये बढ़ाकर 7,263 रुपये क्विंटल कर दिया है। जब अभी के एमएसपी पर मूंगफली नहीं खप रही तो बढ़े हुए एमएसपी वाली मूंगफली या सोयाबीन कैसे खपेगा? इसे देखते हुए सरकार को मूंगफली, सोयाबीन और कपास के साथ-साथ अन्य देशी तेल-तिलहनों का बाजार बनाने पर ध्यान देना होगा।
उन्होंने कहा कि स्थानीय मांग और उपलब्धता कम रहने के कारण सोयाबीन का आगामी महीने-दो महीने बाजार ठीक रहने की उम्मीद है। सहकारी संस्था नेफेड के पास भी इसका स्टॉक कम (लगभग 6-6.5 लाख टन) है और घरेलू मासिक मांग करीब 10-11 लाख टन की होती है। इन परिस्थितियों में त्योहारी मांग भी बढ़ने से बीते सप्ताह सोयाबीन तेल-तिलहन के दाम में मजबूती दिखी।
सूत्रों ने कहा कि पहले कुछ समीक्षकों और तेल संगठनों का मानना था कि सरकार कच्चे पामतेल (सीपीओ) और उससे बने पामोलीन के बीच का आयात शुल्क का अंतर बढ़ाये। आयात में सस्ता बैठने के कारण देश के आयातक सीपीओ के बजाय पामोलीन मंगाना फायदेमंद पाते थे जिसकी वजह से स्थानीय तेल प्रसंस्करण मिलों का कामकाज प्रभावित था। इस परिस्थिति में सरकार ने सीपीओ का आयात शुल्क पहले के 27.5 प्रतिशत से घटाकर 16.5 प्रतिशत कर दिया और पामोलीन पर आयात शुल्क को अपरिवर्तित रखा। लेकिन समीक्षाधीन सप्ताह के दौरान देखा गया कि बैंकों में ऋण साखपत्र (एलओसी) को चलाते रहने के लिए आयातक, स्थानीय मिलों में सीपीओ से प्रसंस्कृत पामोलीन तेल को लागत से 2-3 प्रतिशत नीचे दाम पर बेच रहे हैं।
उन्होंने कहा कि इसी तरह आयातक, सोयाबीन डीगम तेल को भी आयात की लागत से कम दाम पर बेच रहे हैं। तेल संगठनों और सरकार को इस समस्या की ओर ध्यान देकर इसका समाधान करना चाहिये क्योंकि इससे बैंक प्रभावित हो सकते हैं।
अगर किसानों को तेल-तिलहन के अच्छे दाम मिलेंगे तो इससे उनकी क्रय शक्ति बढ़ेगी और वे घूम फिर कर देश की अर्थव्यवस्था में ही अपना योगदान देंगे। इसके अलावा किसानों का उत्साह और तेल-तिलहन का उत्पादन भी बढ़ेगा जिससे देश के विदेशी मुद्रा की बचत होगी।
बीते सप्ताह सरसों दाने का थोक भाव 100 रुपये की गिरावट के साथ 7,175-7,225 रुपये प्रति क्विंटल पर बंद हुआ। सरसों दादरी तेल का थोक भाव 300 रुपये की गिरावट के साथ 15,750 रुपये प्रति क्विंटल पर बंद हुआ। सरसों पक्की और कच्ची घानी तेल का भाव क्रमश: 45-45 रुपये की गिरावट के साथ क्रमश: 2,605-2,705 रुपये और 2,605-2,740 रुपये टिन (15 किलो) पर बंद हुआ।
समीक्षाधीन सप्ताह में सोयाबीन दाने और सोयाबीन लूज के थोक भाव क्रमश: 75-75 रुपये के सुधार के साथ क्रमश: 4,875-4,925 रुपये और 4,575-4,675 रुपये प्रति क्विंटल पर बंद हुए। इसी तरह सोयाबीन दिल्ली का दाम 200 रुपये की बढ़त के साथ 13,200 रुपये, सोयाबीन इंदौर तेल का दाम 150 रुपये बढ़कर 12,800 रुपये और सोयाबीन डीगम तेल का दाम 200 रुपये की मजबूती के साथ 10,225 रुपये प्रति क्विंटल पर बंद हुआ।
समीक्षाधीन सप्ताह में मूंगफली तेल-तिलहन के दाम में भी गिरावट रही। मूंगफली तिलहन का थोक दाम 75 रुपये की गिरावट के साथ 5,700-6,075 रुपये क्विंटल, मूंगफली तेल गुजरात का थोक दाम 150 रुपये की गिरावट के साथ 13,500 रुपये क्विंटल और मूंगफली साल्वेंट रिफाइंड तेल का थोक दाम 20 रुपये की गिरावट के साथ 2,210-2,510 रुपये प्रति टिन पर बंद हुआ।
समीक्षाधीन सप्ताह में सीपीओ तेल का दाम 280 रुपये के सुधार के साथ 11,380 रुपये प्रति क्विंटल, पामोलीन दिल्ली का भाव 175 रुपये के सुधार के साथ 13,000 रुपये प्रति क्विंटल तथा पामोलीन एक्स कांडला तेल का भाव भी 175 रुपये के सुधार के साथ 11,900 रुपये प्रति क्विंटल पर बंद हुआ। बाजार में आम सुधार के रुख के अनुरूप, समीक्षाधीन सप्ताह में बिनौला तेल भी 200 रुपये के सुधार के साथ 13,200 रुपये प्रति क्विंटल पर बंद हुआ।