धराली में छठे दिन हेलिकाप्टर से संचालित राहत कार्य जारी

देहरादून{ गहरी खोज }: उत्तराखंड में उत्तरकाशी जिला के धराली क्षेत्र में आपदा प्रभावितों की सहायता के लिए हेलिकॉप्टर्स के माध्यम से संचालित राहत अभियान रविवार छठे दिन भी जारी है।
आज प्रातः काल मौसम खराब होने के कारण यह अभियान लगभग पौने दस बजे से शुरू हो पाया। मातली हेलीपैड से हेलिकॉप्टर के माध्यम से प्रभावितों के लिए बड़ी मात्रा में खाद्य एवं राहत सामग्री हर्षिल हेलीपैड तक भेजी जा रही है। हेलिकॉप्टर से वापसी में आपदा प्रभावित क्षेत्र से जरूरतमंद लोगों को मातली पहुंचाने का नियमित सिलिसिला भी शुरू हो गया है। छह से 09 अगस्त तक कुल 1126 लोगों को हर्षिल और धराली से सुरक्षित स्थानों पर ले जाया जा चुका है। आज कितने लोगों को रेस्क्यू किया गया है, यह फिलहाल स्पष्ट नहीं हो पाया है।
आपदाग्रस्त धराली क्षेत्र में तत्परता के साथ बड़े पैमाने पर राहत और बचाव अभियान संचालित करने के लिए राज्य सरकार द्वारा शुरू किए गए हेली ऑपरेशन में जुटाए गए हेलिकॉप्टरों द्वारा अब तक 260 से भी अधिक फेरे लगाए जा चुके है। इस अभियान में मातली हेलीपैड से आठ हेलिकॉप्टर संचालित किये जा रहे हैं। इसके साथ ही चिन्यालीसौड़ हवाईपट्टी से भी सेना के चिनूक, एमआई, एएलएच तथा चीता हेलिकॉप्टर भी हेली रेस्क्यू अभियान में महत्वपूर्ण सहयोग कर रहे हैं। युकाडा की ओर से आज वेदर ऑब्जरवेशन फ्लाइट को लांच किए जाने की जानकारी दी गई है। इससे हेली सेवाओं के संचालन के दृष्टिगत, विजिबिलिटी को जांचा जा सकेगा।
गंगोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग 134 को गंगनानी से आगे नाग मन्दिर (लिम्वागाड) तक सुचारू कर दिया गया है,जबकि गंगनानी से आगे नाग मन्दिर (लिम्वागाड) के पास 30 मीटर क्षतिग्रस्त पुल पर वैलीब्रिज के निर्माण कार्य लगभग 90 प्रतिशत हो गया है। मौसम स्थिति के अनुसार, आज दोपहर तक इसके पूरा होने की संभावना है। इस कार्य को सीमा सड़क संगठन, एसडीआरएफ, पुलिस के जवानों सहित 60 मजूदर, 01 पोकलेन, 01 हाईड्रा मशीन और 01 जेसीबी पूरा करने में रात, दिन लगे हैं। इनके साथ ही, आर्मी के 02 जेसीओ, 02 अधिकारी, 38 जवान भी मौके पर हैं। लोक निर्माण विभाग, भटवाडी द्वारा भी इन्हें सहयोग किया जा रहा है।
इसके साथ ही, सोनगाढ़ के पास और डबरानी के पास भागीरथी नदी से कटाव के कारण मार्ग क्षतिग्रस्त है। हर्षिल एवं धराली के पास राष्ट्रीय राजमार्ग के लगभग 350 मीटर भाग में मलवा आया है, जिसमें 250 मीटर तक मार्ग से मलवा हटाया गया है तथा 100 मीटर भाग खोला जाना अवशेष है। जिसे ठीक करने के लिए बीआरओ के 05 जेसीबी, पोकलेन मशीन, डोजर सहित 45 अधिकारी, कर्मचारी, मजूदर, ऑपरेटर आदि जुटे हैं।