‘ऑपरेशन सिंदूर’ तीनों सेनाओं के बीच बेहतर तालमेल और परिचालन सामंजस्य का प्रमाण:जनरल चौहान

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नयी दिल्ली { गहरी खोज }: चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल अनिल चौहान ने कहा है कि ‘ऑपरेशन सिंदूर’ की सफलता तीनों सेनाओं के बीच बेहतर तालमेल और परिचालन सामंजस्य का प्रमाण है। रक्षा मंत्रालय की ओर से जारी एक बयान में यह जानकारी दी गयी।
उन्होंने 21 वें उच्च रक्षा प्रबंधन पाठ्यक्रम (एचडीएमसी) के प्रतिभागियों और कॉलेज ऑफ डिफेंस मैनेजमेंट (सीडीएम), सिकंदराबाद के वरिष्ठ अधिकारियों को संबोधित करते हुए सशस्त्र बलों में एकीकृत अभियानों के भविष्य की कार्य योजना को आकार देने के लिए अहम बिंदुओं का उल्लेख किया ।
जनरल अनिल चौहान ने प्रौद्योगिकी-संचालित आधुनिक युद्ध में विघटनकारी परिवर्तनों से निपटने के लिए व्यापक क्षमता विकास, आत्मनिर्भरता और सेना में किए जा रहे परिवर्तनकारी बदलावों की गहरी समझ के महत्व पर बल दिया।
सीडीएस ने ‘राष्ट्रीय सुरक्षा संरचना और उच्चतर रक्षा प्रबंधन’ पर एक व्यापक व्याख्यान में भारत के रक्षा संगठन के विकास और वर्तमान ढांचे की रूपरेखा प्रस्तुत की। उन्होंने सैन्य मामलों के विभाग की उपलब्धियों, निर्णय लेने के लिए महत्वपूर्ण राष्ट्रीय सुरक्षा समितियों के कामकाज, संगठनात्मक पुनर्गठन सहित सुधारों के पालन और संयुक्त क्षमता बढ़ाने हेतु थिएटर कमांड की कार्य योजना का उल्लेख किया । उन्होंने उभरती राष्ट्रीय सुरक्षा चुनौतियों का सामना करने के लिए निरंतर सुधारों, आपसी तालमेल और अनुकूलनशीलता के महत्व पर बल दिया गया।
जनरल अनिल चौहान ने संयुक्त रसद और एकीकरण को मजबूत करने के निरंतर प्रयासों के तहत, सीडीएम द्वारा तैयार एक व्यापक मार्गदर्शिका, ‘एकीकृत रसद के लिए संयुक्त प्राइमर’ जारी की। उन्होंने कहा कि रसद सैन्य अभियानों की रीढ़ है और सशस्त्र बलों में रसद प्रक्रियाओं का एकीकरण रणनीतिक उद्देश्यों की प्राप्ति के लिए अत्यंत जरूरी है।
सीडीएस ने स्मार्ट बाइक पब्लिक साइकिल शेयरिंग सुविधा का भी उद्घाटन किया, जो सीडीएम के कर्मचारियों के लिए दैनिक आवागमन हेतु पर्यावरण-अनुकूल ई-साइकिलों तक सुविधाजनक पहुंच सुनिश्चित करने और कार्बन उत्सर्जन को कम करने की एक अग्रणी कदम है। यह परियोजना सीडीएम द्वारा स्मार्ट बाइक मोबिलिटी प्राइवेट लिमिटेड के सहयोग से लागू की गई है और यह सीडीएम की पर्यावरण-अनुकूल प्रथाओं, स्मार्ट तकनीक और स्वस्थ जीवनशैली विकल्पों को अपनाने की प्रतिबद्धता को दर्शाती है।
इस अवसर पर कमांडेंट, सीडीएम मेजर जनरल हर्ष छिब्बर ने सशस्त्र बलों के भविष्य के रणनीतिक नेतृत्व को आकार देने के लिए व्यावसायिक सैन्य शिक्षा को बढ़ावा देने की वर्तमान पहल पर व्यापक जानकारी दी।
सीडीएम, एक प्रमुख त्रि-सेवा संस्थान है जो वरिष्ठ अधिकारियों को उच्च नेतृत्वकारी भूमिकाओं के लिए आवश्यक समकालीन प्रबंधन कौशल से सुसज्जित करने में निरंतर महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। 44 सप्ताह तक चलने वाले इस एचडीएमसी में 167 प्रतिभागी शामिल हैं, जिनमें मित्र देशों के 12 अधिकारी भी शामिल हैं, जो क्षेत्रीय सहयोग और सैन्य कूटनीति के प्रति भारत की प्रतिबद्धता को और पुष्ट करता है।

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