रक्षा उत्पादन की यह उपलब्धि भारत के मज़बूत होते औद्योगिक आधार का संकेत : रक्षा मंत्री

वित्त वर्ष 2024-25 में रक्षा उत्पादन 1.51 लाख करोड़ रुपये के उच्च स्तर पर पहुंचा
नई दिल्ली{ गहरी खोज }: वित्त वर्ष 2024-25 में वार्षिक रक्षा उत्पादन बढ़कर 1,50,590 करोड़ रुपये के सर्वकालिक उच्च स्तर पर पहुंच गया है। यह उपलब्धि पिछले वित्त वर्ष के 1.27 लाख करोड़ रुपये के उत्पादन की तुलना में 18 फीसदी की वृद्धि और वित्त वर्ष 2019-20 के बाद से 90 फीसदी की आश्चर्यजनक वृद्धि है, जब यह आंकड़ा 79,071 करोड़ रुपये था। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इस उपलब्धि को भारत के मजबूत होते रक्षा औद्योगिक आधार का स्पष्ट संकेत बताया।
रक्षा मंत्रालय के मुताबिक यह उपलब्धि हासिल करने में सार्वजनिक क्षेत्र उपक्रमों (डीपीएसयू) और अन्य सार्वजनिक उपक्रमों ने कुल उत्पादन में लगभग 77 फीसदी का योगदान दिया, जबकि निजी क्षेत्र का योगदान 23 फीसदी रहा। निजी क्षेत्र की हिस्सेदारी वित्त वर्ष 2023-24 में 21 फीसदी से बढ़कर वित्त वर्ष 2024-25 में 23 फीसदी हो गई। उद्योग के सार्वजनिक और निजी दोनों क्षेत्रों ने पिछले एक दशक में दूरगामी नीतिगत सुधारों, व्यापार करने में आसानी और स्वदेशीकरण पर रणनीतिक ध्यान केंद्रित करने के कारण लगातार साल-दर-साल वृद्धि दर्ज की है। वित्त वर्ष 2024-25 में डीपीएसयू और निजी क्षेत्र के कुल उत्पादन में क्रमशः 16 और 28 फीसदी की वृद्धि हुई है।
मंत्रालय ने बताया कि रक्षा उत्पादन में यह रिकॉर्ड तोड़ उपलब्धि इसलिए हासिल हुई है, क्योंकि आयात पर निर्भरता कम करने और ऐसा रक्षा औद्योगिक परिसर बनाने पर जोर दिया गया है, जो न केवल भारत की जरूरतों को पूरा करे, बल्कि निर्यात की क्षमता को भी मजबूत कर सके। यही वजह है कि वित्त वर्ष 2024-25 में 23,622 करोड़ रुपये का रक्षा निर्यात हुआ है, जबकि 2023-24 में 21,083 करोड़ रुपये का निर्यात हुआ था। इस तरह देखा जाए तो रक्षा निर्यात आंकड़ों में 2,539 करोड़ रुपये या 12.04 फीसदी की वृद्धि हुई है।