रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर चार साल में 21,000 करोड़ रुपये से अधिक का बिजली बकाया वसूलेगी

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नयी दिल्ली{ गहरी खोज }:रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर ने शुक्रवार को कहा कि उसकी दो अनुषंगी कंपनियां बीएसईएस यमुना पावर लिमिटेड और बीएसईएस राजधानी पावर लिमिटेड उच्चतम न्यायालय के एक फैसले के बाद अगले चार साल में 21,413 करोड़ रुपये का बिजली बकाया वसूल करेंगी। बीएसईएस यमुना पावर लिमिटेड और बीएसईएस राजधानी पावर लिमिटेड, रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर (आरइन्फ्रा) की बिजली वितरण कंपनियां (डिस्कॉम) हैं जो दिल्ली में 53 लाख मकानों को बिजली की आपूर्ति करती हैं।
शेयर बाजार को दी सूचना में रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर ने कहा कि उसकी अनुषंगी कंपनियां ‘‘ चार वर्ष में 21,413 करोड़ रुपये की नियामक परिसंपत्तियों की वसूली करेंगी।’’ सर्वोच्च न्यायालय के एक आदेश के बाद ऐसा किया जा रहा है जिसने नियामक परिसंपत्तियों की वसूली के लिए दिशानिर्देश निर्धारित किए हैं।
उच्चतम न्यायालय ने बुधवार को एक अहम फैसला सुनाते हुए निर्देश दिया था कि दिल्ली की तीन निजी बिजली वितरण कंपनियों को 27,200.37 करोड़ रुपये की वहन लागत समेत नियामक परिसंपत्तियों का भुगतान तीन साल के भीतर किया जाए। विनियामक परिसंपत्तियां वे लागतें या राजस्व हैं जिन्हें एक नियामक एजेंसी (जैसे, बिजली उपयोगिताओं के लिए) किसी कंपनी की बही-खाता में स्थगित करने की अनुमति देती है खासकर जब वास्तविक लागतें निर्धारित शुल्क से अधिक हो जाती हैं। इसमें तेजी से वृद्धि हुई है जो 31 मार्च 2024 तक बीएसईएस राजधानी पावर लिमिटेड (बीआरपीएल) के लिए 12,993.53 करोड़ रुपये, बीएसईएस यमुना पावर लिमिटेड (बीवाईपीएल) के लिए 8,419.14 करोड़ रुपये और टाटा पावर दिल्ली डिस्ट्रीब्यूशन लिमिटेड (टीपीडीडीएल) के लिए 5,787.70 करोड़ रुपये तक पहुंच गई। इस प्रकार इन कंपनियों को कुल देय 27,200.37 करोड़ रुपये है।

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