रक्षाबंधन पर्व शनिवार को, कई शुभ योगों में चालीस साल बाद मनाई जाएगी राखी

0
edaa71b915706021e99130c7f5f635cb

जयपुर{ गहरी खोज }: श्रावण मास की पूर्णिमा पर मनाया जाने वाला रक्षाबंधन पर्व इस बार विशेष रूप से शुभ और फलदायक रहेगा। यह पर्व भद्रा दोष से पूर्णत: मुक्त रहेगा। साथ ही सर्वार्थ सिद्धि योग, सौभाग्य योग, श्रवण नक्षत्र और त्रिवेणी योग के साथ ग्रहों की शुभ स्थिति इस पर्व को और भी अधिक पावन, आध्यात्मिक और सौभाग्यदायक बनाएगी।
इस बार रक्षाबंधन के दिन पूरे समय शुभ संयोग रहेगा। पूर्णिमा तिथि 8 अगस्त को दोपहर 2:12 बजे शुरू होकर 9 अगस्त को दोपहर 1:24 बजे तक रहेगी। चूंकि 9 अगस्त को सूर्योदय पूर्णिमा तिथि में हो रहा है, अत: रक्षाबंधन पर्व इसी दिन मनाया जाएगा। पंडित श्रीकृष्ण चन्द्र शर्मा ने बताया कि इस दिन बृहस्पति और शुक्र का मिथुन राशि में मिलन और चंद्रमा का मकर राशि में गोचर, शनि की दृष्टि और श्रवण नक्षत्र का संयोग — ये सभी 40 वर्ष बाद बनने वाला दुर्लभ खगोलीय अवसर हैं, जो रक्षाबंधन पर्व को विशेष ऊर्जा प्रदान करेंगे। ज्योतिष मान्यता अनुसार श्रवण नक्षत्र, सौभाग्य योग, शनिवार का दिन, और चंद्रमा का मकर राशि में होना — यह सब रक्षाबंधन को शुभ फलदायक और आध्यात्मिक दृष्टि से विशेष बनाते हैं।

राखी बांधने के शुभ मुहूर्त:

सुबह 7:26 से 9:00 बजे तक — शुभ चौघडिय़ा
दोपहर 12:24 से शाम 5:30 बजे तक — चर, लाभ एवं अमृत चौघडिय़ा
शाम 7:00 से 8:20 बजे तक — लाभ चौघडिय़ा

बहनें इस विधि से करें राखी बंधन: भाई को पूर्व या उत्तर दिशा में मुख कराकर बैठाएं, रोली से तिलक करें, अक्षत लगाएं, मंगल भाव और संकल्प के साथ राखी बांधें और भाई रक्षा का वचन देकर उपहार प्रदान करे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *