आप सिर्फ मेरे ससुर नहीं, झारखंड के बाबा भी थे: कल्पना सोरेन

रांची{ गहरी खोज }: झारखंड राज्य के प्रणेता, पूर्व मुख्यमंत्री और राज्यसभा सांसद शबू सोरेन के निधन के पांच दिन बीत गए हैं, लेकिन उनके घर-परिवार वाले उन्हें भूल नहीं पा रहे हैं। परिजन उनके साथ बिताए पलों को याद कर रहे हैं। स्वर्गीय शिबू सोरेन की बहू, वर्तमान मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की पत्नी और राज्य के गांडेय विधानसभा क्षेत्र से विधायक कल्पना सोरेन भी उन्हीं में से एक हैं।
स्वर्गीय शिबू सोरेन की बहु और गांडेय से विधायक कल्पना सोरेन ने शुक्रवार को सोशल मीडिया एक्स पर लिखा कि जब पूरा देश आपको (शिबू सोरेन को) अश्रुपूरित नेत्रों से विदा कर रहा है, मैंने एक कोना पकड़ लिया है। अपनी आधी जिंदगी जिस वटवृक्ष के साये में महफ़ूज होकर काटी, आज आपके जाने से वह बेटी-सी बहू अपनी टूटी हुई हिम्मत बटोरने का साहस नहीं कर पा रही है।
उन्होंने लिखा, मैं जानती हूं। आप सिर्फ मेरे ससुर नहीं थे, आप झारखंड के बाबा थे, हर उस बच्चे के, जिसने जंगलों की गोद में जन्म लिया और संघर्ष को पहली सांस में महसूस किया। जब मैं पहली बार इस परिवार में आई, तो आपके व्यक्तित्व पर गौरव हुआ। आपकी सादगी, आपकी आवाज में ठहराव और सबसे जरूरी आपका सुनना। आप सुनते थे हर किसान की चिंता, हर औरत का दर्द, हर माँ की खामोशी, हर झारखंडी के अरमान।
कल्पना सोरेन ने आगे लिखा कि आपने राजनीति को घर की तरह जिया, जहां सत्ता नहीं, संबंधों का सम्मान होता है। आपके पास बड़ी डिग्रियां से भी बड़ी दूरदर्शी दृष्टि थी। आपने केवल झारखंड को खड़ा नहीं किया, हम सबको आत्मनिर्भर होने का हौसला दिया। जब आप झारखंड कहते थे, तो वो शब्द भूगोल नहीं, संवेदना बन जाता था।
कल्पना सोरेन ने अपने पोस्ट में लिखा, मैंने आपको कभी पिता की तरह देखा, कभी एक संत की तरह और कभी एक तपस्वी की तरह, जो न सत्ता चाहता था, न वाहवाही, बस अपनी माटी की, अपने लोगों की इज्जत चाहता था। आज आप नहीं हैं, पर आपकी चाल की गूंज हर गांव के रास्ते पर है। आपकी चप्पलों की खामोशी विधानसभा में गूंज रही है। बाबा, आपने झारखंड को छोड़ा नहीं है, आप तो हर उस बेटी की आंखों में हैं, जो अपने जंगल, अपने खेत, अपने सपनों को बचाना चाहती है। आप हर उस माँ की सांसों में हैं, जो चाहती है कि उसके बेटे भी एक दिन आपकी तरह गुरु एवं सच्चे इंसान बने। आपका सपना, अब हमारी जिम्मेदारी है।
विधायक कल्पना सोरेन ने लिखा है कि मैं एक बहू नहीं, आपकी बेटी हूं। आपसे वादा करती हूं कि आपका नाम सिर्फ इतिहास में नहीं रहेगा, वो हर लड़की के साहस में, हर गांव के संघर्ष में और झारखंड की हर सांसों में जिंदा रहेगा। आपको झारखंड की हर बेटी का नम्र प्रणाम। आप हमारे संस्कार बन गए हैं। आपके बिना जीना मुश्किल है, पर आपके सपनों को जीना अब हमारा धर्म है।