रक्षाबंधन के दिन क्यों किया जाता है श्रवण कुमार का पूजन, जान लें सोना पूजन की संपूर्ण विधि मुहूर्त समेत

धर्म { गहरी खोज } : भारत के कई इलाकों में रक्षाबंधन के लिए श्रवण कुमार की पूजा की जाती है जिसे सोना पूजन कहा जाता है। इस साल सोना पूजन 9 अगस्त को है। कई जगह सोना पूजन के बाद ही बहनें भाइयों को राखी बांधती हैं। सोना पूजन उसी जगह पर किया जाता है जहां नाग पंचमी की पूजा की गई होती है। चलिए जानते हैं सोना पूजन की विधि और शुभ मुहूर्त क्या है।
राखी सोना पूजन मुहूर्त 2025
रक्षाबंधन पर सोना पूजन का शुभ मुहूर्त सुबह 5 बजकर 47 मिनट से शुरू होगा। ये पूजन सुबह-सुबह करना ही सबसे शुभ माना जाता है। अमूमन राखी बांधने से पहले ये पूजा पूर्ण कर ली जाती है।
राखी सोना पूजन विधि और सामग्री लिस्ट
शास्त्रों अनुसार सोना पूजने के लिए हल्दी, रोली, अक्षत, एक जल से भरा लोटा, राखी, गेरू और मीठे जवे की जरूरत होती है। इन सामग्री को इकट्ठा करने के बादॉ दीवार पर श्रवण कुमार का चित्र बनाया जाता है। श्रवण कुमार की पूजा से पहले भगवान की विधि विधान पूजा करें। फिर श्रवण कुमार की दीवार पर बनाई गई आकृति पर चंदन लगाएं। कलावा अर्पित करें। पुष्प चढ़ाएं और फिर भोग लगाएं। इसके बाद राखी भी अर्पित करें। अंत में श्रवण कुमार से घर परिवार की सुख-समृद्धि के लिए प्रार्थना की जाती है। फिर सोना पूजन की कथा सुनें और अंत में आकृति पर जल अर्पित करेंगे। इसके बाद राखी का त्योहार मनाएं।
सोना पूजन क्यों किया जाता है
पौराणिक कथा अनुसार जब अयोध्या के राजा दशरथ के हाथों गलती से श्रवण कुमार की मृत्यु हो गई थी तो इस घटना से उन्हें काफी दुख पहुंचा था। जैसे ही श्रवण कुमार के माता-पिता को ये समाचार मिला तो बेटे के जाने के दुख में दोनों ने अपने प्राण त्याग दिये। कहते हैं तब राजा दशरथ ने प्रायश्चित करने के लिए श्रावण पूर्णिमा के दिन श्रवण कुमार की पूजा का प्रचार किया। कहते हैं तभी से राखी के दिन सोना पूजने की परंपरा शुरू हो गई थी।