राष्ट्रीय हस्तकरघा दिवस पर राज्यपाल संतोष कुमार गंगवार ने बुनकरों को किया सम्मानित

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रांची{ गहरी खोज }: राज्यपाल हस्तकरघा, रांची, अवधेश राष्ट्रीय हस्तकरघा दिवस पर कार्यक्रम आयोजित रांची में आयोजित कार्यक्रम में राज्यपाल हुए शामिल राज्यपाल ने हस्तकरघा को बताया राष्ट्रीय सम्मान का प्रतीक एंकर राष्ट्रीय हस्तकरघा दिवस के अवसर पर रांची के डोरंडा महाविद्यालय सभागार में आयोजित कार्यक्रम में राज्यपाल संतोष कुमार गंगवार शामिल हुए। इस मौके पर उन्होंने कई बुनकरों को सम्मानित कर उनका हौंसला बढ़ाया। रिपोर्ट वीओ-1 राष्ट्रीय हस्तकरघा दिवस के अवसर पर आज राज्य में विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन कर बुनकरों का सम्मान हुआ। रांची के डोरंडा महाविद्यालय सभागार में आयोजित कार्यक्रम में शामिल होकर राज्यपाल संतोष कुमार गंगवार ने बुनकरों का हौंसला बढ़ाया। उन्होंने संबोधन में हस्तकरघा को भारतीय संस्कृति के लिए विरासत बताया और कहा कि हस्तकरघा केवल करोड़ों बुनकरों की जीविका का साधन मात्र नहीं, बल्कि, यह राष्ट्रीय सम्मान का भी प्रतीक है। बाइट – राज्यपाल वीओ 02. राज्यपाल ने कहा कि हाल के वर्षों में देश मे हैंडलूम के प्रति लोगों का आकर्षण बढ़ा है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वॉकल फॉर लोकल और हैंडलूम फॉर होम के जरिए इस क्षेत्र को दुनिया में एक नई पहचान दिलाई। बाइट – राज्यपाल वीओ 03. कार्यक्रम के दौरान श्री गंगवार ने बुनकरों को सम्मानित भी किया। मौके पर बुनकरों ने सरकार से सहयोग की उम्मीद जताई। बाइट – शहदेव स्वांसी बाइट – रतनलाल स्वांसी, बुनकर अंतिम वीओ देशभर के बुनकरों के सम्मान में 7 अगस्त 2014 को राष्ट्रीय हस्तकरघा दिवस की शुरुआत की गई थी। हालांकि, आधिकारिक रूप से इसे वर्ष 2015 में मान्यता मिली। हैंडलूम को नया आयाम देने के लिए केन्द्र सरकार की ओर से लगातार पहल किए जा रहे हैं। जिससे एक बार फिर हैंडलूम उत्पादों का बाजार बढ़ा है और बुनकर आर्थिक रूप से सशक्त हो रहे हैं। रांची से अवधेश गौतम की रिपोर्ट।

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