आरबीआई के लिए लोगों का हित सबसे ऊपर: गवर्नर

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नयी दिल्ली{ गहरी खोज }: भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर संजय मल्होत्रा ने बुधवार को कहा कि हमारे लिए देश के नागरिकों का हित और कल्याण सबसे ऊपर है। देश के नागरिक विशेष रूप से समाज के सबसे निचले तबके पर खड़े लोग हमारे अस्तित्व का मूल कारण हैं। मल्होत्रा ने चालू वित्त वर्ष की तीसरी द्विमासिक मौद्रिक नीति समीक्षा पेश करते हुए कहा कि आम लोगों को ध्यान में रखकर ही लोगों को बैंक खाता खोलने, फिर से केवाईसी करने और वित्तीय समावेश के दायरे में सभी को लाने के लिए पंचायत स्तर पर शिविर आयोजित किये जा रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘‘आरबीआई में, भारत के नागरिकों का हित और कल्याण सर्वोपरि है। सबसे निचले पायदान पर खड़े लोगों के साथ भारत के लोग हमारे अस्तित्व का मूल कारण है।’’ मल्होत्रा ने कहा, ‘‘ इसी को ध्यान में रखकर हम नागिरकों के हित में कई कदम उठा रहे हैं…।’’
जन-धन योजना के 10 वर्ष पूरे हो गये हैं। बड़ी संख्या में खातों की फिर से केवाईसी के कारण जनधन खातों की संख्या घटी है। उन्होंने कहा कि ऐेसे में लोगों की सुविधा के लिए बैंक ग्राहकों के घर के पास ही सेवाएं प्रदान करने के प्रयास में, एक जुलाई से 30 सितंबर तक पंचायत स्तर पर शिविर आयोजित किये जा रहे हैं। इन शिविरों में नए बैंक खाते खोलने और पुनः केवाईसी (अपने ग्राहक को जानों) के अलावा, वित्तीय समावेश के दायरे में सभी को लाने के लिए छोटी राशि की बीमा और पेंशन योजनाओं के साथ ग्राहकों की शिकायतों के निपटान पर ध्यान दिया जा रहा है।
मल्होत्रा ने कहा, ‘‘ इसके अलावा, हम मृतक बैंक ग्राहकों बैंक खातों और लॉकर में रखी वस्तुओं से संबंधित दावों के निपटान की प्रक्रिया को मानकीकृत करने के लिए कदम उठा रहे हैं। इससे निपटान अधिक सुविधाजनक और सुगम होने की उम्मीद है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘तीसरा, हम आरबीआई ‘रिटेल-डायरेक्ट’ मंच की कार्यक्षमता का विस्तार कर रहे हैं ताकि खुदरा निवेशक व्यवस्थित निवेश योजनाओं (एसआईपी) के माध्यम से ट्रेजरी बिलों यानी सरकारी प्रतिभूतियों में निवेश कर सकें।’’

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