जनता पर बुरा असर तो पड़ेगा ही

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सुनील दास
संपादकीय { गहरी खोज }:
जनता से जुड़े मुद्दे पर सरकार या सरकारी संस्था कोई फैसला करती है तो बहुत सोचसमझ कर कोई फैसला करना चाहिए क्योंकि वादा करके वादा पूरा न करने वालों को जनता माफ नहीं करती है। खासकर ऐसे मुद्दे जिससे जनता को सीधा नगदी में फायदा होता है। उस फायदे को निरंतर जारी रखने की जगह सरकारी संस्था यदि उसे कम करती है तो भी जिन लाखों लोगों को नुकसान होगा वह सरकारी संस्था के इस काम को याद तो रखेंगे ही। इस संस्था ने उसे नुकसान पहुंचाया था अब सरकारी संस्था तो चुनाव नहींं लड़ती है, चुनाव तो सत्तारूढ़ दल को ही लड़ना है इससे जो राजनीतिक नुकसान होना है, वह तो सरकार का होना है, सत्ताऱूढ़ दल को हाेना है। भले ही वह तीन चार साल बाद हो।
साय सरकार के रहते जनता उम्मीद नहीं कर रही थी कि भूपेश बघेल के समय शुरू की गई बिजली बिल हाफ योजना का दायरा ४०० यूनिट से घटाकर १०० यूनिट कर दिया जाएगा। यह काम भले ही बिजली कंपनी ने किया है, लेकिन गुस्सा तो सरकार के खिलाफ ही फूटेगा।सरकार को यह बात मालूम है कि इस योजना को बंद करने का उसे नुकसान होगा इसलिए चुनाव के समय भाजपा ने इस योजना को लेकर कुछ नहीं कहा था लोगों को आश्वस्त किया था कि यह योजना बंद नहीं होगी।सरकार बनने के बाद भी कहा जाता रहा है कि बिजली हाफ योजना बंद नहीं होगी। अब इस योजना को बंद नहीं किया गया लेकिन ऐसा संशोधन किया गया है कि गरीब लोगों को तो कुछ लाभ मिले लेकिन जिन लोगों को हजार पांच सौ रुपए का फायदा हो रहा था, उनको फायदा बंद कर दिया गया है।
सरकार चाहती तो पहले भी बंद कर सकती थी, अभी भी बंद कर सकती है लेकिन वह जानती है कि इस योजना को बंद करने से सरकार के खिलाफ नाराजगी बढ़ेगी। क्योंकि लाखों लोगों को जो फायदा हो रहा था, वह अब नहीं होगा।सरकार ने योजना को बंद नहीं किया है और यह बताने का प्रयास कर रही है कि योजना का दायरा १०० यूनिट करने पर भी लाखों लोगों को फायदा होगा। सरकार ने इसलिए भी योजना को पूरी तरह बंद नहीं किया है कि वह देखना चाहती है कि इस योजना में संशोधन का जनता पर क्या प्रभाव पड़ता है।अगर जनता में बहुत ज्यादा नाराजगी बढती है तो हो सकता है सरकार कुछ दिनों बाद इस संशोधित योजना पर रोक लगा दे।
सरकार कहने को कह रही है कि वह हाफ बिजली से मुफ्त बिजली योजना की तरफ बढ़ रही है। यानी सरकार चाहती है कि लोग सूर्यघर सौर बिजली योजना का लाभ उठाए, मुफ्त बिजली पाएं।इसके लिए सरकार अनुदान भी दे रही है लेकिन सवाल उठता है कि किसी भी योजना का लाभ सारे लोग तो उठा नहींं पाते हैं जिनके यहां सौर प्लेट लगाने की जगह नहीं है, वह कैसे इस योजना का लाभ ले सकते हैं, खासकर शहरी क्षेत्र में। सौर प्लेट लगा भी ली तो उसका रखरखाव भी तो करना होगा। हो सकता है लोगों को रखरखाव करना न आए। कहने को मुफ्त बिजली योजना कहा जा रहा है, इसके फायदे भी हैं लेकिन जनता को दूर का फायदा की जगह वर्तमान में जो फायदा हो रहा था, वह बंद होने से सरकार के प्रति नाराजगी तो वर्तमान में बढ़ेगी है और इसका पूरा फायदा कांग्रेस उठाने का प्रयास करेगी।
कांग्रेस जनता को याद दिलाती रहेगी कि साय सरकार ने बिजली बिल हाफ योजना में कैसे धोखा दिया। कांग्रेस की सरकार थी को चार सौ यूनिट पर दो सौ यूनिट बिजली पर पैसा देना पड़ता था।साय सरकार के समय तो यह १०० यूनिट कर दिये जाने से जनता को पचास यूनिट का ही फायदा होगा। भाजपा सरकार ने वादाखिलाफी का कलंक पिछले चुनाव में धोया है, एक साल बाद भाजपा ने बिजली बिल हाफ याेजना को लोगों को पूरा फायदा न देकर फिर वादाखिलाफी है।साय सरकार को इस योजना को शुरू में बंद कर देना था शुरू में बंद नहीं किया तो पूरे पांच साल इसका लाभ देना था। बीच में योजना का लाभ कम करने से जनता को लगेगा ही उसे हो रहे फायदे से वंचित किया गया है। उसे नुकसान पहुंचाया गया है।

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