श्रीलंका की संसद में पुलिस प्रमुख देशबंदु टेन्नकून को पद से हटाने के महाभियोग प्रस्ताव पर बहस शुरू

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कोलंबो{ गहरी खोज }: श्रीलंका की संसद में आज देश के पुलिस प्रमुख (पुलिस महानिरीक्षक) देशबंदु टेन्नकून को पद से हटाने के महाभियोग प्रस्ताव पर बहस हो रही है। यह बहस अधिकारियों को हटाने (प्रक्रिया) के अधिनियम, संख्या 5, 2002 की धारा 17 के तहत शुरू हुई है। देशबंदु टेन्नकून को पद से हटाने का प्रस्ताव संसद के स्पीकर जगत विक्रमरत्ना ने प्रस्तुत किया।
डेली मिरर अखबार और समाचार पोर्टल न्यूज फर्स्ट की खबर के अनुसार संसद ने इसी साल 08 अप्रैल को प्रस्ताव संख्या पी. 29/2025 पारित कर इसे आदेश पत्र में प्रकाशित किया। इस बीच गठित जांच समिति ने अपने निष्कर्ष प्रस्तुत किए। समिति ने स्पष्ट रूप से तेनाकून को आरोपों का दोषी पाया है। इस प्रस्ताव को 115 सांसदों का समर्थन हासिल है। इसे पहली बार 25 मार्च को संसद के स्पीकर के समक्ष प्रस्तुत किया गया था। इस प्रस्ताव पर आज मतदान होना है।
यदि मत विभाजन में प्रस्ताव को बहुमत मिलता है, तो राष्ट्रपति के लिए संवैधानिक रूप से आवश्यक है कि वह संबंधित अधिकारी को बिना किसी देरी के पद से हटा दें। स्पीकर जगत विक्रमरत्ने ने 22 जुलाई को संसद में कहा था कि संसदीय समिति ने निलंबित पुलिस प्रमुख देशबंदु टेन्नकून को कदाचार और शक्तियों के गंभीर दुरुपयोग का दोषी पाया है। समिति ने उनको पद से हटाए जाने की सिफारिश की है। विक्रमरत्ने ने कहा था कि उन्हें जांच समिति की पूरी रिपोर्ट प्राप्त हो गई है।
यह पहली बार है, जब श्रीलंका की संसद ने किसी पुलिस प्रमुख के खिलाफ इस प्रकार की कार्रवाई की है। विक्रमरत्ने ने बताया था कि समिति की रिपोर्ट संसद के पटल पर संसदीय दस्तावेज के रूप में रखी जाएगी। टेन्नकून को पद से हटाने के लिए संसद को महाभियोग प्रस्ताव पर मतदान कराना होगा।
स्थानीय मीडिया रिपोर्टों के अनुसार टेन्नकून श्रीलंका पुलिस विभाग के 159 साल के इतिहास में पहले प्रमुख हैं, जिन्हें महाभियोग का सामना करना पड़ा है। उन्हें जुलाई, 2024 में उच्चतम न्यायालय ने निलंबित करके उनकी नियुक्ति की वैधता पर सुनवाई का आदेश दिया था। टेन्नकून को नवंबर, 2023 में पुलिस प्रमुख नियुक्त किया गया था। इससे पूर्व उच्चतम न्यायालय ने मौलिक अधिकारों से संबंधित एक याचिका पर सुनवाई में उन्हें हिरासत में एक व्यक्ति को यातना देने का दोषी पाया था।

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