भोपाल के आरजीपीवी कैंपस में देर रात दो छात्रावास के छात्रों के बीच मारपीट

भोपाल{ गहरी खोज }: मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल के राजीव गांधी प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (आरजीपीवी) कैंपस में साेमवार देर रात दो छात्रावास के छात्रों के बीच मारपीट हो गई। यूनिवर्सिटी इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (यूआईटी) के बाल्टिक हॉस्टल और स्कूल आफ आर्किटेक्चर (एसओए) हॉस्टल के छात्रों के बीच सामान्य विवाद शुरू हुआ जाे देखते ही देखते हिंसक हो गया। हाथों में डंडे और लोहे की रॉड लिए छात्र एक-दूसरे पर टूट पड़े। कई छात्रों का सिर तक फूट गया है। कुछ गंभीर रूप से घायल हो गए है। मंगलवार को सुबह मारपीट का वीडियो वायरल हो गया। वहीं घटना को लेकर यूनिवर्सिटी प्रबंधन ने सफाई दी है। प्रबंधन का कहना है कि यह रैगिंग का मामला नहीं है, बल्कि छात्रों के बीच आपसी विवाद है।
दरअसल, विवाद की शुरुआत एक फोन कॉल से हुई। बताया जा रहा है कि एक छात्र ने फोन कॉल पर बात करने को लेकर दूसरे को टोका, जिसके बाद कहासुनी शुरू हो गई। देखते ही देखते यह मामला दोनों हॉस्टलों तक पहुंच गया। रात करीब 11 बजे बाल्टिक और एसओए हॉस्टल के छात्र सड़क पर उतर आए। कुछ ही देर में दोनों गुट आमने-सामने आ गए और लाठी-डंडों से एक-दूसरे पर हमला करने लगे। मारपीट में कई छात्रों के चोटिल होने की जानकारी सामने आई है, हालांकि गंभीर चोट की पुष्टि नहीं हुई है। कैंपस में अफरा-तफरी मच गई। कुछ छात्रों ने बीच-बचाव की कोशिश की, लेकिन तब तक स्थिति बेकाबू हो चुकी थी। घटनाक्रम का वीडियो सामने आया है। फुटेज में साफ दिख रहा है कि छात्र एक-दूसरे को डंडों से पीट रहे हैं। शिकायतकर्ता छात्र ने भी घटना की रिकॉर्डिंग प्रशासन को सौंपी है। आरजीपीवी प्रबंधन ने कहा है कि वीडियो और शिकायत के आधार पर दोषी छात्रों की पहचान की जा रही है। दोनों पक्षों से पूछताछ होगी और नियमों के तहत सख्त कार्रवाई की जाएगी। छात्रों को समझाइश दी जाएगी। हॉस्टल और कैंपस में सुरक्षा गार्ड तैनात कर दिए गए हैं। हॉस्टल और कैंपस में अतिरिक्त सुरक्षा गार्ड तैनात कर दिए गए हैं ताकि ऐसी घटनाएं दोबारा न हों।
मारपीट के बाद आरजीपीवी कैंपस की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए हैं। हॉस्टल के अंदर और बाहर निगरानी के लिए पर्याप्त सीसीटीवी कैमरे और सुरक्षा गार्ड मौजूद होने के बावजूद इस तरह की घटना कैसे हो गई, यह बड़ा सवाल है। हालांकि आरजीपीवी में यह पहला मामला नहीं है। इससे पहले भी छात्रों के बीच मारपीट, रैगिंग और ग्रुप क्लैश की घटनाएं सामने आती रही हैं। हालांकि प्रशासन हर बार सुरक्षा बढ़ाने का दावा करता है, लेकिन बड़े पैमाने पर सख्त कदम उठाने की जरूरत है।