सदन में चार अहम विधेयक सर्वसम्मति से पारित, मेट्रोपॉलिटन सिटी एक्ट पर हुई चर्चा

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भोपाल{ गहरी खोज }: मध्य प्रदेश विधानसभा के मानसून सत्र का मंगलवार काे सांतवा दिन है। आज सदन में चार अहम विधेयक सर्वसम्मति से पारित किए गए। एमएसएमई मंत्री चैतन्य कुमार कश्यप ने मध्य प्रदेश जन विकास अधिनियम उपबंधों का संशोधन विधेयक 2025 सदन में पेश किया। इसके बाद परिवहन मंत्री उदय प्रताप सिंह ने मध्य प्रदेश मोटरयान कराधान संशोधन विधेयक 2025, राज्यमंत्री गौतम टेटवाल ने दाे विधेयक मध्य प्रदेश माध्यम अधिकरण संशोधन विधेयक 2025 और मध्य प्रदेश विधिक सहायता निरसन विधेयक 2025 पेश किए।
नगरीय विकास और आवास मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने मध्य प्रदेश महानगर क्षेत्र नियोजन एवं विकास विधेयक 2025 (मेट्रोपॉलिटन सिटी एक्ट) पर चर्चा के लिए सदन में प्रस्ताव रखा। इस विधेयक पर दो घंटे तक विस्तार से चर्चा की जाएगी। इसके बाद कारखाना संशोधन विधेयक, दुकान तथा स्थापना संशोधन विधेयक और भारतीय स्टांप संशोधन विधेयक पर आधे-आधे घंटे की चर्चा का प्रस्ताव है, जबकि रजिस्ट्रीकरण संशोधन विधेयक पर एक घंटे की चर्चा होगी।
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने सदन में कहा कि लंबे समय बाद सदन में सार्थक चर्चा हो रही है। हम बात सुन भी रहे हैं और जवाब भी दे रहे हैं। विकास काे लेकर मध्य प्रदेश से नहीं बल्कि देश काे देखकर बात करनी चाहिए। देश के मध्य में होने के कारण मध्य प्रदेश का भौगोलिक एरिया हमारे लिए बड़ा महत्व रखता है। सड़क, बिजली और हमारे प्रदेश के लोगों की मानसिकता राज्य की प्रगति के लिए सर्वाधिक अनुकूल है। मध्य प्रदेश में चाहे कांग्रेस की सरकार रही हाे या बीजेपी की, किसी भी सरकार में कारखाने में हड़ताल नहीं हुई। उन्होंने कहा कि इंदौर का विकास जेट की गति से चल रहा है। इंदौर के साथ देवास, धार, उज्जैन भी डेवलप होंगे। भोपाल में भी विकास हो रहा है। हमारी प्रायोरिटी इंडस्ट्रियल बेल्ट तय करने की है। बाकी आवासीय और कमर्शियल जोन तो रहेंगे ही। सरकार ने तय किया है कि रोजगार परक उद्योग लगाएंगे। महिला कर्मचारियों को 6000 और पुरुष कर्मचारी को 5000 रुपए इंसेंटिव दिया जाएगा। मुख्यमंत्री डाॅ. यादव ने उद्योगों के लिए सरलीकरण व्यवस्था की जानकारी देते हुए कहा कि पहले 29 परमिशन लगती थीं, जिसे हम 10 पर ले आए हैं। हमने तय किया है कि जो कच्चा माल मध्यप्रदेश से बाहर जाता है, उसका उपयोग करने वाले उद्योग मध्य प्रदेश में भी लगाए जाएं ताकि प्रदेश के कच्चे माल का उपयोग मध्य प्रदेश में ही हो सके।
इंजीनियरिंग कॉलेज कैंपस में बनेंगे आईटी पार्क : मुख्यमंत्रीमुख्यमंत्री डाॅ. यादव ने कहा कि इंजीनियरिंग कॉलेज के कैंपस में आईटी पार्क बनाने पर काम करेंगे। इंदौर, उज्जैन, भोपाल समेत अन्य शहरों में विद्यार्थी पढ़ते-पढ़ते आईटी सेक्टर में काम करते रहेंगे। उन्होंने दूध उत्पादन को बढ़ावा देने पर चर्चा करते हुए कहा कि जबलपुर में 5 हजार लीटर दूध का संकलन होता था, अब 17 हजार लीटर का संकलन हो रहा है। ऐसे ही ग्वालियर में भी दूध का संकलन बढ़ा है। हमने सिर्फ भूमि पूजन ही नहीं किया है, अब तक के कार्यकाल में 77 इकाइयों का लोकार्पण भी किया है। इसी महीने रायसेन में रेल कोच फैक्ट्री का भूमिपूजन किया जाएगा। इसके लिए रक्षा मंत्री और रेल मंत्री आने वाले हैं। रेल कोच कारखाना भोजपुर विधानसभा क्षेत्र में होगा। पीएम मित्र पार्क के भूमिपूजन के लिए इसी महीने प्रधानमंत्री आएंगे। मुख्यमंत्री डाॅ. यादव ने कहा कि माइनिंग विभाग में 909 खनिज ब्लॉक में से 3.5 लाख करोड़ के निवेश के प्रस्ताव मिले हैं। पर्यटन स्थलों को बढ़ावा देने के लिए होम स्टे व्यवस्था लागू की गई है, जिससे लोगों को सीधा फायदा हो रहा है। इसरो की तर्ज पर मध्यप्रदेश के उज्जैन में एक रिसर्च सेंटर बने, इसके लिए भी काम शुरू कराया है। उज्जैन में साइंस सिटी भी बनाई जा रही है।
मेट्रोपॉलिटन विधेयक को लेकर विपक्ष ने सरकार को घेरामेट्रोपॉलिटन विधेयक को लेकर विपक्ष ने सरकार को घेरा और आरोप लगाया कि बिना मास्टर प्लान के 2047 का सपना दिखाया जा रहा है। विपक्ष ने कहा कि शहरों का विकास बेतरतीब तरीके से हो रहा है और जरूरी है कि विकास योजनाओं को तय समयसीमा में लागू किया जाए।
मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने चर्चा के दाैरान सदन में कहा कि 25 साल की प्लानिंग को लेकर मेट्रोपॉलिटन सिटी एक्ट में व्यवस्था की गई है। शहरों में अगले 25 साल की स्थिति को ध्यान में रखकर एक्ट बनाया गया है। इस दौरान कांग्रेस विधायक भंवर सिंह शेखावत ने कहा अब तक इंदौर और भोपाल के मास्टर प्लान ही नहीं आ पाए हैं और मंत्री जी 2047 के प्लान की बात कर रहे हैं। इस पर विजयवर्गीय ने कहा कि मेट्रोपॉलिटन सिटी एक्ट में पहले चरण में भोपाल और इंदौर को शामिल किया गया है। दूसरे चरण में ग्वालियर, जबलपुर और रीवा को शामिल किया जाएगा।
कांग्रेस विधायक जयवर्धन सिंह ने कहा कि मेट्रोपोलिटन सिटी के मामले में दिल्ली एनसीआर से सीखा जा सकता है। उसकी सफलता और असफलता, दोनों पर ही ध्यान देना होगा। दिल्ली एनसीआर में जिस तरीके से प्रदूषण है, उसे भी देखना चाहिए। इंदौर, उज्जैन, पीथमपुर, देवास के बीच कहां-कहां स्पेशल इकोनामिक जॉन बनाएंगे, यह भी स्पष्ट किया जाना चाहिए। कहां आईटी और इकोनामिक कॉरिडोर स्थापित कर सकते हैं, ये भी देखना चाहिए।
नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने कहा कि उद्योगपतियों से खुद अपना इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलप करने के लिए कहा जाना चाहिए। इसके लिए अनुदान दे सकते हैं। महाराष्ट्र में इस पर काम करके प्राइवेट इंडस्ट्रियल पार्क बनाए जा रहे हैं। उन्होंने मध्य प्रदेश के बेरोजगारों का मामला उठाते हुए कहा कि जिसे सरकार आकांक्षी युवा कहती है, उसे कैसे रोजगार मिलेगा? प्याज उत्पादन में हम दूसरे नंबर पर हैं, उसका निर्यात नहीं कर पा रहे हैं। क्या इसके लिए फूड प्रोसेसिंग यूनिट नहीं डाली जा सकती है? फार्मास्युटिकल कंपनियों को डीबीटी देने को लेकर उन्होंने कहा कि इंदौर के सांवेर में 500 इंडस्ट्री थीं लेकिन अब 100 ही बची है। कंपनियों को प्रोत्साहित करने की जरूरत है।

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