हंगामे के कारण लोकसभा की कार्यवाही दिन भर के लिए स्थगित

नयी दिल्ली{ गहरी खोज }: लोक सभा में मंगलवार को विपक्षी दलों के सदस्यों के भारी हंगामे के बीच “गोवा राज्य के विधानसभा निर्वाचन क्षेत्रों में अनुसूचित जनजातियों के प्रतिनिधित्व का पुनः समायोजन विधेयक 2024” पारित कराये जाने के बाद सदन की कार्यवाही दिनभर के लिए स्थगित कर दी गयी।
एक बार के स्थगन के बाद अपराह्न दो बजे सदन की कार्यवाही जैसे ही शुरू हुई, विपक्षी सदस्य बिहार में मतदाता सूचनी पुनरीक्षण के मुद्दे पर हंगामा करने लगे। पीठासीन अधिकारी संध्या राय ने विधायी दस्तावेज सदन के पटल पर रखवाए और फिर ‘‘गोवा राज्य के विधानसभा निर्वाचन क्षेत्रों में अनुसूचित जनजातियों के प्रतिनिधित्व का पुनः समायोजन विधेयक, 2024’ को पारित कराये जाने का प्रस्ताव रखने के लिए कानून मंत्री अर्जुनराम मेघवाल का नाम पुकारा। इस पर श्री मेघवाल ने विधेयक से संबंधित प्रस्ताव रखा। विपक्ष के कुछ संशोधनों के प्रस्ताव को अस्वीकृत किये जाने के बाद विधेयक ध्वनिमत से पारित कर दिया गया।
विधेयक ध्वनिमत से पारित होने के बाद श्रीमती राय ने हंगामा कर रहे सदस्यों से अपने-अपने स्थानों पर जाने का आग्रह किया और कहा कि सरकार हर विषय पर चर्चा कराने को तैयार है इसलिए उन्हें हंगामा नहीं कर सदन की कार्यवाही चलने देनी चाहिए।
विपक्षी सदस्यों पर श्रीमती राय की अपील का कोई असर नहीं हुआ और वे हंगामा करते रहे। कुछ सदस्य सदन के बीचो-बीच आकर नारेबाजी और शोरगुल करते रहे। कई विपक्षी सदस्य एसआईआर के विरोध में नारे लिखी तख्तियां भी लिये हुए थे। हंगामा रुकते न देख श्रीमती राय ने कार्यवाही दिनभर के लिए स्थगित कर दी।
इससे पहले पूर्वाह्न 11 बजे अध्यक्ष ओम बिरला ने जैसे ही प्रश्नकाल शुरू किया, विपक्षी दलों के कुछ सदस्य बिहार में मतदाता सूची पुनरीक्षण को वापस लेने की मांग को लेकर नारे लगाते हुए सदन के बीचो-बीच आ गये। इस पर श्री बिरला ने कहा कि सदस्य प्रश्नकाल नहीं चलाना चाहते। उन्होंने विपक्षी सदस्यों से सदन की गरिमा बनाये रखने की सदस्यों से अपील की। श्री बिरला ने कहा कि सदस्य बार-बार आग्रह के बाद भी सदन की मर्यादा और गरिमा गिरा रहे हैं। उन्होंने कहा कि योजनाबद्ध तरीके से सदन में व्यवधान उत्पन्न करना उचित नहीं है। हंगामे के बीच ही कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने एक पूरक प्रश्न के जवाब में कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में पिछले 11 वर्षों में किसानों की आय दोगुना करने कई योजनायें लागू की गयीं, जिससे लाखों किसानों के आय में बढ़ोत्तरी हुई है और लाखों किसानों आय दोगुनी है। अध्यक्ष के बार-बार आग्रह के बावजूद हंगामा नहीं थमा, जिसके कारण सदन की कार्यवाही अपराह्न दो बजे तक स्थगित कर दी गयी थी।