कैसे करते हैं पुत्रदा एकादशी व्रत? जानिए सही पूजा विधि और पारण का शुभ समय

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धर्म { गहरी खोज } : वैसे तो साल में 24 एकादशी आती है और हर माह में 2, इसमें से कुछ एकादशी को सभी 24 एकादशी में से बड़ी माना गया है, जैसे सावन माह में पड़ने वाली एकादशी। यह इस साल 5 अगस्त की तारीख को मनाई जाएगी। इस एकादशी को पुत्रदा एकादशी के नाम से जाना जाता है। यह हर साल श्रावण के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि पर मनाई जाती है। धार्मिक मान्यता है कि सावन में पुत्रदा एकादशी व्रत रहने वाले जातकों की संतान प्राप्ति में आ रही बाधा दूर हो जाती है।

पुत्रदा एकादशी 2025 कब मनाई जाएगी?
हिंदू पंचांग के मुताबिक, सावन शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि 4 अगस्त को सुबह 11.41 बजे आरंभ होगी जो 5 अगस्त की दोपहर 01.12 बजे समाप्त होगी। चूंकि हिंदू धर्म में उदया तिथि को मान्यता दी जाती है, ऐसे में पुत्रदा एकादशी 5 अगस्त को मनाई जाएगी। वहीं, व्रत का पारण 6 अगस्त की सुबह 07.15 बजे से 08.21 बजे तक है।

पुत्रदा एकादशी व्रत विधि 2025
सुबह सभी नित्य कर्म से निवृत्त होकर स्नान करें और साफ कपड़े पहनें।
इसके बाद घर के मंदिर की सफाई करें और फिर एक चौकी पर भगवान विष्णु की प्रतिमा स्थापित करें।
पूजा के दौरान धूप-दीप, फूल-माला, बेलपत्र, आंकड़े के फूल चढ़ाएं।
इसके बाद रोली,कुमकुम और नैवैद्य सहित कुल 16 सामग्री अर्पित करें।
फिर भगवान विष्णु को तुलसी दल अर्पित करें।
इसके बाद पुत्रदा एकादशी की कथा करें और अंत में आरती करें।
साथ ही भगवान के सामने एकादशी व्रत रहने का संकल्प लें।

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