एशिया कप में भारत-पाकिस्तान का मैच भावनाओं का मजाक: आदित्य ठाकरे

मुंबई{ गहरी खोज }: शिवसेना (उबाठा) नेता आदित्य ठाकरे ने आगामी एशिया कप में भारत-पाकिस्तान क्रिकेट मैच को लेकर रविवार को केंद्र पर निशाना साधा और कहा कि पहलगाम हमले के मद्देनजर पड़ोसी देश के साथ खेल में शामिल होना “भावनाओं का मजाक” है। इस कदम को एक “ब्लॉकबस्टर मैच” बताते हुए ठाकरे ने पूछा कि सरकार भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) को एशिया कप में खेलने से हटने के लिए क्यों नहीं कह रही है। उन्होंने कहा कि यह दर्शाता है कि “पैसा और मनोरंजन” आतंकवादी हमलों में जान गंवाने वालों से अधिक महत्वपूर्ण हैं। एशियाई क्रिकेट परिषद ने शनिवार को घोषणा की कि आगामी एशिया कप के दौरान भारत बनाम पाकिस्तान के दो प्रमुख मैच दुबई में आयोजित किए जाएंगे। एशिया कप नौ सितंबर से संयुक्त अरब अमीरात में शुरू होगा।
भारत और पाकिस्तान के बीच 14 सितंबर को दुबई में मुकाबला होगा और संभवतः 21 सितंबर को भी इसी मैदान पर एक और मुकाबला होगा। 29 सितंबर को होने वाला फाइनल भी दुबई में ही होगा। अगले साल की शुरुआत में भारत और श्रीलंका में होने वाले टी20 विश्व कप को ध्यान में रखते हुए यह टूर्नामेंट टी20 अंतरराष्ट्रीय प्रारूप में आयोजित किया जाएगा। ठाकरे ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, “लगता है ब्लॉकबस्टर मुकाबला है। और भारत सरकार इस पर एक शब्द भी नहीं बोलती। कितनी शर्म की बात है।” महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री ने कहा कि पहलगाम हमले के बाद, सरकार ने दुनिया भर में प्रतिनिधिमंडल भेजकर पाकिस्तान और पाकिस्तान-आधारित आतंकवाद की निंदा की, लेकिन सरकार बीसीसीआई को एशिया कप में खेलने से मना करने को कहने को तैयार नहीं है। उन्होंने कहा, “आतंकवादी हमलों में जान गंवाने वालों और अपनी जान जोखिम में डालकर हमारी रक्षा करने वाले जवानों की जान पर पैसा और मनोरंजन भारी पड़ रहा है।” ठाकरे ने कहा, “यह सचमुच भारत की भावनाओं का मज़ाक है कि बीसीसीआई पाकिस्तान के साथ खेलना चाहता है और भारत सरकार चुप बैठी है।” उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पाकिस्तान के मुद्दे का इस्तेमाल केवल चुनावों में करेगी, अन्यथा सभी आतंकवादी हमलों के बावजूद क्रिकेट खेलना उसके लिए ठीक है। ठाकरे ने कहा, “भारत सरकार की ओर से मित्रता दिवस का संदेश: सच्ची दोस्ती ऐसी ही होनी चाहिए…समर्पित और एकतरफ़ा- वे निर्दोष भारतीयों पर हमला कर सकते हैं, लेकिन हम फिर भी उनके साथ क्रिकेट खेलेंगे! क्योंकि हम चुनावों में उनके नाम का इस्तेमाल कर सकते हैं।”