नेपाल में पांच विधेयकों को लेकर सत्तारूढ़ के घटक दलों में ही मतभेद बढ़े

काठमांडू{ गहरी खोज }:नेपाल के सत्तारूढ़ घटक दलों नेपाली कांग्रेस और नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी (यूएमएल) के बीच मतभेद बढ़ता जा रहा है। इसी कारण अब तक संसद में भूमि विधेयक, शिक्षा विधेयक, सिविल सर्विस विधेयक, एंटी करप्शन ब्यूरो संबंधी विधेयक और संवैधानिक परिषद संबंधी विधेयक पास होने के इन्तजार में महीनों से लटके हैं।
भूमि विधेयक को लेकर जनता समाजवादी पार्टी नेपाल ने तो सरकार से समर्थन ही वापस ले लिया है। अब इस विधेयक को लेकर नेपाली कांग्रेस ने भी सरकार के प्रस्तावित विधेयक का विरोध किया है। पार्टी के महामंत्री गगन थापा ने कहा है कि भूमि संबंधी विधेयक में कुछ संशोधन से काम नहीं चलने वाला है, इसलिए इसके पुनर्लेखन की ही आवश्यकता है।
कांग्रेस के इस रुख का विरोध करते हुए यूएमएल संसदीय दल के प्रमुख सचेतक महेश बरतौला ने कहा कि कांग्रेस पार्टी का यह रुख गठबंधन के धर्म के खिलाफ है। उन्होंने कहा कि पार्टी के महामंत्री होकर गगन थापा को इस विषय पर सार्वजनिक बयान देने के बजाए उन्हें गठबंधन की बैठक में यह बात रखनी चाहिए। संसद के दोनों सदनों से भूमि विधेयक के पारित होने के बाद भी राष्ट्रपति ने आपत्ति दर्ज करते हुए वापस कर दिया।नेपाली कांग्रेस ने राष्ट्रपति के इस कदम का समर्थन किया है, तो यूएमएल ने इसका विरोध किया है। शनिवार को ही प्रधानमंत्री के पी शर्मा ओली ने राष्ट्रपति से मुलाकात कर इस संबंध में चर्चा की थी।इसी तरह लंबे समय से संसद में विचाराधीन शिक्षा विधेयक को लेकर सत्ता के साझेदार दोनों दलों में मतभेद अब खुल कर सामने आ गए हैं। यूएमएल ने इस विधेयक का समर्थन किया है, जबकि नेपाली कांग्रेस इसका विरोध कर रही है। इसी कारण इस विधेयक पर सदन में चर्चा नहीं हो पा रही है।
ऐसे ही एंटी करप्शन ब्यूरो से संबंधित विधेयक और सिविल सर्विस से संबंधित विधेयक को लेकर भी दोनों दलों के बीच मतभेद है। सिविल सर्विस विधेयक को लेकर गठबंधन दलों के बीच जनसहमति बनी थी। उसके विपरीत यूएमएल के सांसदों ने इसके प्रावधान को ही बदल दिया, जिसको लेकर संयुक्त संसदीय जांच समिति का गठन किया गया है।
गठबंधन दल के बीच हुई सहमति के उलट यूएमएल के सांसदों की तरफ से इसमें संशोधन का प्रस्ताव रखने से नेपाली कांग्रेस सवाल खड़े कर रही है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता डॉ. शेखर कोइराला ने कहा कि यूएमएल की तरफ से इस गठबंधन को तोड़ने के लिए माहौल तैयार किया जा रहा है।