साइबर धोखाधड़ी का मास्टरमाइंड भिलाई से गिरफ्तार

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देहरादून{ गहरी खोज }:स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) उत्तराखंड की साइबर क्राइम पुलिस ने ऑनलाइन साइबर धोखाधड़ी करने वाले एक अंतरराष्ट्रीय गिरोह का भंडाफोड़ करते हुए मास्टरमाइंड को छत्तीसगढ़ राज्य के भिलाई से गिरफ्तार कर लिया है। इस गिरोह के सरगना काे पुलिस काफी समय से तलाश कर रही थी। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक एसटीएफ नवनीत सिंह ने बताया कि विगत वर्ष जौलीग्राण्ट, भानियावाला, देहरादून निवासी सेना चिकित्सा कोर में सूबेदार मेजर के पद से सेवानिवृत्त ने साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन देहरादून काे साइबर फ्राड हाेने की रिपाेर्ट दर्ज कराई थी। पूर्व सैनिक ने अपनी शिकायत में बताया कि फेसबुक पर ट्रेडिग का एक ऐप देखकर उन्हाेंने डाउनलोड कर लिया था और उस ऐप के माध्यम से वह अपोलो एकेडमी ग्रुप में शामिल हुआ था। यह फोरेन इन्वेस्टर कम्पनी अपोलो इंडिया प्राइवेट इक्विटी (IV) (मॉरीशस) लिमिटेड कंपनी के नाम की थी। इस ग्रुप में एसिसटेंड मिस जसलीन कौर नाम की कथित महिला ट्रेडिंग कराती थी और एक कस्टमर सर्विस मैनेजर एकाउन्ट्स की डिटेल देती थी और उसमें हमसे पैसे डलवाती थी। फिर मुझे जसलीन कौर ने एक पंजीकरण का फॉर्म भेजा और कहा कि बिना पंजीकरण के आप टेड्रिंग नहीं कर सकते हैं। इस पर उसने 20 अप्रैल 2024 को फॉर्म भरकर जमा कर दिया। इस ग्रुप में एक गुरु भी थे, जो शाम को 8 बजे से 9 बजे तक टेड्रिंग के बारे में बताते थे, जिनका नाम जॉन पीटर हुसैन बताया गया। इसके बाद उसने ट्रेडिंग में पैसे लगाने शुरू कर दिए और भिन्न-भिन्न तिथियों में उनके बताये गये खातों में कुल 34 लाख 17 हजार रुपये इन्वेस्ट किए गए। बाद में उसे ठगी का अहसास हुआ। साइबर ठगों के 34 लाख 17 हजार रुपये की धोखाधड़ी का पुलिस ने केस दर्ज कर लिया।
पुलिस की जांच पड़ताल में हर विलास नन्दी पुत्र विकास नन्दी निवासी मौहल्ला फौजीनगर, पो. फौजीनगर, ऑद्यौगिक क्षेत्र भिलाई, थाना जामुल, जिला दुर्ग, छत्तीसगढ़ का नाम सामने आया। उत्तराखंड पुलिस की गिरफ्तारी के डर से हर विलास अपनी रिश्तेदारी नक्सली क्षेत्र दंतेवाड़ा, छत्तीसगढ़ में जाकर छिप गया। पुलिस लगातार उसकी गतिविधियाें पर नजर रख रही थी। आखिर उत्तराखंड पुलिस ने साइबर ठगी का मास्टरमाइंड हरविलास काे भिलाई से गिरफ्तार कर ट्रांजिस्ट रिमांड पर देहरादून लेकर आई है। पुलिस की जांच में आराेपित के संबंधित बैंक खाते में मात्र एक माह में लगभग तीन करोड़ 46 लाख से अधिक रुपयों का लेन-देन हुआ। पुलिस ने हर विलास नन्दी के कब्जे से यूएई, ओमान व अमेरिका की विदेशी मुद्रा, यूएई का रेजिडेण्टल कार्ड और एक भारतीय आधार कार्ड, एक पेन कार्ड, एक एटीएम कार्ड के अलावा एक विवो कम्पनी का मोबाइल फोन मय सिम बरामद किया है। अभियुक्त के बैंक खाते के खिलाफ पूरे भारत वर्ष में कुल 37 शिकायतें दर्ज होना पाया गया।
पुलिस आराेपित हर विलास नन्दी का आपराधिक इतिहास तलाश कर रही है। पुलिस पूछताछ में पता चला कि आराेपित 10 साल दुबई में रहकर आया है और वर्तमान में हाथखोज भिलाई, जिला दुर्ग, छत्तीसगढ़ में एक इस्पात कम्पनी में सुपरवाइजर के पद पर कार्य कर रहा था। वह अपने सम्पर्क में आने वाले मजदूरों को लालच देकर उनके बैंक खाताें काे 50 हजार से एक लाख रुपये में बेचने का कार्य भी करता था।

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