‘मातृ वन’ का हरित आवरण दिल्ली-एनसीआर के लिए हृदय और फेफड़े का करेगा काम : भूपेंद्र यादव

नई दिल्ली{ गहरी खोज }: केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्री भूपेंद्र यादव ने शनिवार को गुरुग्राम से ‘मातृ वन’ की शुरुआत करते हुए कहा कि यह हरित आवरण पूरे दिल्ली-एनसीआर के लिए हृदय और फेफड़े का काम करेगा। यह परियोजना युवाओं और वरिष्ठ नागरिकों सहित जनता को एक स्वस्थ और तनावमुक्त जीवन जीने के लिए एक शांत वातावरण प्रदान करेगी।
यादव ने कहा कि गुरुग्राम एक स्वच्छ और हरा-भरा शहर बनेगा जो दूसरों के लिए ‘आदर्श मिलेनियम सिटी’ का एक प्रमुख उदाहरण होगा। कार्यक्रम में भूपेन्द्र यादव के साथ केंद्रीय आवास एवं शहरी मामलों के मंत्री मनोहर लाल भी मौजूद थे। इस अवसर पर उद्योग एवं वन मंत्री (हरियाणा) राव नरबीर सिंह सहित अन्य गणमान्य व्यक्तियों ने भी भाग लिया।
इस अवसर पर भूपेन्द्र यादव ने कहा कि मानव जाति के पोषण में प्रकृति मां की महत्वपूर्ण भूमिका रहती है। ‘एक पेड़ मां के नाम’ पहल, प्रकृति मां के प्रति कृतज्ञता व्यक्त करने के प्रधानमंत्री के दृष्टिकोण के तहत एक अग्रणी प्रयास है। भूपेन्द्र यादव ने मिशन लाइफ के अंतर्गत विभिन्न घटकों को सामने रखा- भोजन बचाओ, पानी बचाओ, ऊर्जा बचाओ, ठोस अपशिष्ट प्रबंधन, ई-कचरा प्रबंधन, एकल उपयोग प्लास्टिक पर प्रतिबंध, स्वस्थ जीवन शैली अपनाओ – एक ऐसा दृष्टिकोण जिसे प्रधानमंत्री ने विश्व के सामने प्रस्तुत किया है। इस अवसर पर उन्होंने हरियाणा सरकार को इस वन भूमि, जो वर्तमान में कंटीली झाड़ियों से भरी हुई है, उसे अरावली की स्थानिक वृक्ष प्रजातियों के रोपण द्वारा ‘मातृ वन’ के रूप में विकसित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने के लिए धन्यवाद दिया।
मनोहर लाल ने बताया कि कैसे कार्बन उत्सर्जन मानव जाति के लिए सबसे बड़ी वैश्विक चुनौती बन गया है। इस चुनौती से निपटने के लिए कार्बन कैप्चर तकनीक का उपयोग करने के अलावा, मंत्री ने नागरिकों को वनों की कटाई को रोकने और अधिक पेड़ लगाने की परंपरा को अपनाने के लिए प्रोत्साहित किया। उन्हें वन मित्र बनने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने बताया कि भारत में गैर-जीवाश्म ईंधन आधारित बिजली उत्पादन की बढ़ती हिस्सेदारी कार्बन उत्सर्जन को कम करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है। उन्होंने बताया कि देश के ऊर्जा मिश्रण में नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों की हिस्सेदारी पहले ही 50 प्रतिशत को पार कर चुकी है।
मातृ वन पहल- एक थीम आधारित शहरी वन जो प्रकृति से प्रेरित हरित प्रयासों के माध्यम से पीढ़ियों के पोषण के लिए समर्पित है – गुरुग्राम-फरीदाबाद रोड के किनारे अरावली पर्वतीय क्षेत्र में 750 एकड़ क्षेत्र में विकसित किया जाएगा। इसकी परिकल्पना एक अद्वितीय पारिस्थितिक और सांस्कृतिक स्थल के रूप में की गई है जो जैव विविधता, जन कल्याण और शहरी स्थिरता में योगदान देगा। यह लक्ष्य सभी हितधारकों के सहयोग के माध्यम से प्राप्त किया जाएगा जिसमें सीएसआर भागीदार, रेजिडेंट वेलफेयर एसोसिएशन, गैर-सरकारी संगठन, बहुराष्ट्रीय निगम, स्कूली बच्चे और सरकारी संगठन शामिल होंगे।