छत्तीसगढ़ में मानव तस्करी और मतांतरण के आरोप में गिरफ्तार दोनों कैथोलिक ननों को मिली जमानत

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बिलासपुर/रायपुर{ गहरी खोज }: छत्तीसगढ़ में दुर्ग से गिरफ्तार किये गये दोनों कैथोलिक ननों को एनआईए न्यायालय ने बड़ी राहत दी है। बिलासपुर के एनआईए न्यायालय में हुई सुनवाई में अदालत ने उनकी जमानत याचिका को मंजूर करते हुए उन्हें जमानत दे दी है। दोनों पक्षों की दलील सुनने के बाद न्यायालय ने जमानत पर फैसला दिया है।
शुक्रवार को एनआईए न्यायालय में 2 कैथोलिक ननों प्रीति मैरी और वंदना फ्रांसिस की जमानत याचिका पर सुनवाई हुई थी। अभियोजन ने जमानत का विरोध किया, वहीं बचाव पक्ष ने कहा कि ननों ने जांच में सहयोग किया है और उनके खिलाफ कोई ठोस सबूत नहीं है। दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश (एनआईए कोर्ट) सिराजुद्दीन कुरैशी की अदालत ने फैसला सुरक्षित रखा था। शनिवार को कोर्ट ने अपना फैसला सुनाते हुए दोनों नन को जमानत दे दी है। उल्लेखनीय है कि, पिछले दिनों 25 जुलाई को मानव तस्करी के आरोपों के साथ दोनों नन को दुर्ग रेलवे स्टेशन से गिरफ्तार किया गया था। इस गिरफ्तारी को लेकर संसद में भी हंगामा हुआ था । भाजपा और कांग्रेस की तरफ से इस मामले में लगातार बयानबाजी शुरू हैं। ननों की रिहाई की मांग को लेकर वामपंथी महिला नेता वृंदा करात सहित केरल से कई सांसद छत्तीसगढ़ भी पहुंचे थे। कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष दीपक बैज ने कहा था कि राज्य की साय सरकार अपनी नाकामियों को छिपाने के लिए ननों को गिरफ्तार किया है जबकि भाजपा ने इसे कानून के मुताबिक और मानव तस्करी के खिलाफ कार्रवाई बताया था।

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