शाह ने त्रिपक्षीय समझौते पर चर्चा करने के लिए टिपरा मोथा नेताओं से की मुलाकात

अगरतला{ गहरी खोज }:त्रिपुरा में सत्तारूढ़ सहयोगी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और टिपरा मोथा के बीच बढ़ते तनाव के मद्देनजर – भाजपा समर्थकों पर हिंसक हमलों की एक श्रृंखला के बाद – केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने राष्ट्रीय राजधानी में पार्टी संस्थापक प्रद्योत किशोर देबबर्मन के नेतृत्व में टिपरा मोथा नेताओं के एक प्रतिनिधिमंडल से मुलाकात की।
पिछले हफ़्ते टिपरा मोथा कार्यकर्ताओं ने कथित तौर पर भाजपा के दो कार्यक्रमों में बाधा डाली। पहली घटना 27 जुलाई को खोवाई में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के ‘मन की बात’ कार्यक्रम के दौरान हुई जबकि दूसरी घटना 31 जुलाई को जम्पुइजाला में हुयी जहाँ कई भाजपा कार्यकर्ताओं के गंभीर रूप से घायल होने पर उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया। स्थिति तब और तनावपूर्ण हो गयी जब भाजपा की आदिवासी शाखा ने चेतावनी दी कि अगर ऐसे हमले जारी रहे तो जवाबी कार्रवाई की जाएगी।
इस बीच त्रिपुरा के मुख्यमंत्री डॉ. माणिक साहा, भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष राजीव भट्टाचार्य और अन्य पार्टी नेताओं ने टिपरा मोथा पर हमलों की साजिश रचने और प्रधानमंत्री के नाम पर भाजपा के प्रचार अभियान को रोकने की धमकी देने का आरोप लगाया। इस पृष्ठभूमि में श्री शाह की सहयोगी दल टिपरा मोथा प्रतिनिधिमंडल से मुलाकात से प्रदेश में भाजपा में नए तनाव व्यापत हो गया है।
श्री देबबर्मन ने हालाँकि स्पष्ट किया कि बैठक पिछले लोकसभा चुनावों से पहले हुए त्रिपक्षीय समझौते के क्रियान्वयन के तौर-तरीकों पर केंद्रित थी। बैठक के दौरान मोथा प्रतिनिधिमंडल के साथ पूर्वी त्रिपुरा से भाजपा सांसद कृति देवी सिंह भी मौजूद थीं। इससे जमीनी स्तर पर भाजपा कार्यकर्ताओं की उलझने और बढ़ी हुयी हैं।
टिपरा मोथा संस्थापक ने कहा कि केन्द्रीय गृहमंत्री ने उन्हें आश्वासन दिया है कि केंद्र सरकार तिप्रासा (मूल निवासी आदिवासी) के अधिकारों और कल्याण की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने यह भी पुष्टि की कि टिपरा मोथा के नेता दो सप्ताह से दिल्ली में जमे हुए हैं। इस दौरान उन्होंने चुनाव आयोग के अधिकारियों और भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं केंद्रीय मंत्री जेपी नड्डा से मुलाकात कर विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की।