मॉनसून में बढ़ सकती है शुगर पेशेंट्स की आफत, कंट्रोल करने के लिए अपनाएं आयुर्वेदिक उपाय

लाइफस्टाइल डेस्क { गहरी खोज }: मौसम इतना सुहाना है कि ठंडी-ठंडी हवा चल रही है, सौंधी मिट्टी की खुशबू और हर तरफ हरियाली ही हरियाली है। इस मौसम में योगाभ्यास करने में भी मजा आता है। एक्सरसाइज करने में बोरियत न हो इसलिए आप हाई कार्डियो एक्सरसाइज भी कर सकते हैं। बारिश के इस मौसम में वर्कआउट करना और भी जरूरी हो जाता है क्योंकि लोग घर से बाहर कम निकलते हैं और ऊपर से इस मौसम में शुगर का इनटेक भी बढ़ जाता है।
पड़ सकते हैं लेने के देने
सब जानते हैं कि शरीर में शुगर कन्टेंट बढ़ने के क्या नुकसान हैं। अगर शुगर आपकी स्किन में बढ़ जाए तो प्री मैच्योर एजिंग, आंखों में बढ़ जाए तो ग्लूकोमा होने का खतरा बढ़ जाता है। वहीं, शुगर अगर ब्रेन में बढ़ जाए तो डिमेंशिया-अल्जाइमर और कॉग्नेटिव डिसऑर्डर हो सकते हैं, लिवर में बढ़ जाए तो फैटी लिवर और किडनी में आ जाए तो डायबिटिक नेफ्रोपैथी हो सकती है। इतना ही नहीं, ब्लड में बढ़ने पर डायबिटीज होगी और ओवरीज में पीसीओडी होना तय है। आपको शुगर को हर हाल में कंट्रोल करना है। ये कैसे होगा, आइए योगगुरु स्वामी रामदेव से जानते हैं।
क्या कहते हैं आंकड़े?
भारत में 10 करोड़ से ज्यादा शुगर पेशेंट्स हैं। 50% को अपनी बीमारी का पता ही नहीं है। पिछले 4 साल में 44% पेशेंट्स बढ़े हैं। लंबी और सेहतमंद जिंदगी के लिए 25%पेरेंट्स से आए जीन और 75% लाइफस्टाइल आदतें जिम्मेदार हो सकती है। डायबिटीज आपके ब्रेन, आंख, हार्ट, लिवर, किडनी और जाइंट्स के लिए खतरनाक साबित हो सकती है। शुगर के मरीजों में दिल की बीमारी होने की संभावना बढ़ सकती है। 22% डायबिटिक्स को दिल का दौरा पड़ रहा है। शुगर पेशेंट्स को हार्ट अटैक का खतरा 4 गुना ज्यादा है।
डायबिटीज से हार्ट अटैक का क्या कनेक्शन है?
ग्लूकोज-इंसुलिन बढ़ने से हार्ट सेल्स को नुकसान पहुंच सकता है। आपके दिल में कड़ापन-कमजोरी पैदा हो सकती है जिसके कारण हार्ट अटैक का खतरा बढ़ सकता है। नॉर्मल शुगर लेवल की बात की जाए तो खाने से पहले 100 से कम और खाने के बाद 140 से कम होना चाहिए। वहीं प्री-डायबिटीज की बात की जाए तो खाने से पहले 100-125 mg/dl और खाने के बाद 140-199 mg/dl होना चाहिए। अगर डायबिटीज की बात की जाए तो खाने से पहले 125 से ज्यादा mg/dl और खाने के बाद 200 से ज्यादा mg/dl होना चाहिए।