पितृ पक्ष की शुरुआत कब से हो रही है? अभी नोट कर लें तिथियां

धर्म { गहरी खोज } : हिंदू धर्म में मान्यता रखने वाले लोग पितृ पक्ष के दौरान अपने पूर्वजों को याद करते हैं। इस दौरान पितरों के निमित्त पूजन, श्राद्ध, तर्पण और दान किया जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार पितृ पक्ष में पूर्वजों के निमित्त पूजा, पाठ श्राद्ध करने से उनकी अतृप्त आत्मा तृप्त होती है। साथ ही अगर आप पितृ दोष से पीड़ित हैं तो पितृ पक्ष में पितरों को शांत कर पितृ दोष से मुक्ति भी पा सकते हैं। आइए अब जान लेते हैं कि साल 2025 में पितृ पक्ष कब से शुरू होगा।
पितृ पक्ष की तिथियां
7 सितंबर 2025- पूर्णिमा का श्राद्ध
8 सितंबर 2025- प्रतिपदा का श्राद्ध
9 सितंबर 2025- द्वितीया का श्राद्ध
10 सितंबर 2025- तृतीया का श्राद्ध
11 सितंबर 2025- चतुर्थी का श्राद्ध
12 सितंबर 2025- पंचमी का श्राद्ध
13 सितंबर 2025- षष्ठी का श्राद्ध
14 सितंबर 2025- सप्तमी का श्राद्ध
15 सितंबर 2025- अष्टमी का श्राद्ध
16 सितंबर 2025- नवमी का श्राद्ध
17 सितंबर 2025- दशमी का श्राद्ध
18 सितंबर 2025- द्वादशी का श्राद्ध
19 सितंबर 2025- मघा श्राद्ध
20 सितंबर 2025- चतुर्दशी का श्राद्ध
21 सितंबर 2025- सर्वपितृ अमावस्या श्राद्ध
श्राद्ध कब किया जाता है?
पितरों का श्राद्ध करने के लिए आपको उनकी मृत्यु तिथि पता होनी चाहिए। मृत्यु की तिथि को जानकर उसी दिन आपको पितरों का श्राद्ध करना चाहिए। वहीं जिन लोगों को अपने पितरों की मृत्यु तिथि का पता नहीं है उन्हें सर्वपितृ अमावस्या के दिन पितरों का श्राद्ध करना चाहिए। अगर माता, बहन या परिवार की किसी भी मातृ पितृ की मृत्यु तिथि आपको पता नहीं है तो उनका श्राद्ध नवमी तिथि के दिन आपको करना चाहिए। पितृ पक्ष की नवमी तिथि को मातृ नवमी के नाम से भी जाना जाता है और इस दिन मातृ पितरों का श्राद्ध किया जा सकता है।
पितृ पक्ष में ये काम करना भी शुभ
पितृ पक्ष के दौरान आपको जरूरतमंद लोगों को दान देना चाहिए। गाय, कुत्ता, कौआ आदि जानवरों को पितृ पक्ष के दौरान आपको भोजन करवाना चाहिए। ऐसा करने से पितरों की कृपा आप पर बरसती है। इन जीवों का गलती से भी आपको अनादर इस दौरान नहीं करना चाहिए।