शनि ग्रह के ये पावरफुल मंत्र दूर करेंगे सभी परेशानियां, साढ़ेसाती और ढैय्या के बुरे प्रभाव से भी मिलेगी मुक्ति

धर्म { गहरी खोज } : अगर आप शनि ग्रह के बुरे प्रभावों को अपने जीवन से दूर करना चाहते हैं तो कुछ विशेष मंत्रों का जप आपको करना चाहिए। ये मंत्र शनि की ढैय्या-साढ़ेसाती के बुरे प्रभावों को भी दूर कर देते हैं।
शनि मंत्र
शनि ग्रह को ज्योतिष में क्रूर ग्रहों की श्रेणी में रखा गया है। अगर शनि की क्रूर दृष्टि आप पर हो या आप शनि की दशा, साढ़ेसाती और ढैय्या के प्रभाव में हो तो जीवन अस्त-व्यस्त हो सकता है। ऐसी स्थिति में शनि आपको पारिवारिक जीवन में परेशानियां दे सकते हैं, करियर में उतार-चढ़ाव आ सकते हैं और स्वास्थ्य पर भी बुरा असर पड़ सकता है। इसलिए शनि ग्रह को शांत करने के लिए कुछ मंत्रों का जप आपको अवश्य करना चाहिए, आज हम आपको इन्हीं मंत्रों के बारे में जानकारी देंगे।
शनि ग्रह के पावरफुल मंत्र
पौराणिक मंत्र- ऊँ ह्रिं नीलांजनसमाभासं रविपुत्रं यमाग्रजम। यह शनि ग्रह का पौराणिक मंत्र है जिसका जप करने से आप शनि ग्रह को शांत कर सकते हैं। इस मंत्र का कम से कम 108 बार आपको जप करना चाहिए। हर दिन अगर इस मंत्र का जप ना भी कर पाएं तो कम से कम शनिवार के दिन आपको इस मंत्र का जप करना चाहिए।
शनि ग्रह का बीज मंत्र- ॐ प्रां प्रीं प्रौं सः शनैश्चराय नमः। शनि ग्रह के बीज मंत्र का जप करने से आपके जीवन की सभी चुनौतियां दूर हो सकती हैं। इस मंत्र का जप आप प्रतिदिन कर सकते हैं। यह मंत्र आपको सफलता तो दिलाता ही है साथ ही आपको मानसिक शांति की भी प्राप्ति होती है।
शनि दोष से बचने के लिए मंत्र- ऊँ त्रयम्बकं यजामहे सुगंधिम पुष्टिवर्धनम। उर्वारुक मिव बन्धनान मृत्योर्मुक्षीय मा मृतात। अगर आपकी कुंडली में शनि दोष है या फिर शनि की साढ़ेसाती से आप गुजर रहे हैं तो महामृत्युंजय मंत्र का जप आपको करना चाहिए, इस मंत्र को शनि दोष निवारण मंत्र भी कहा जाता है। वर्तमान में मेष, कुंभ और मीन राशि के लोगों पर शनि की साढ़ेसाती का असर है इसलिए इन लोगों को यह मंत्र जप करने से लाभ मिल सकता है।
शनि देव का महामंत्र- ॐ नीलांजनसमाभासं रविपुत्रं यमाग्रजम। छायामार्तंड संभूतं तं नमामि शनैश्चरम। शनि ग्रह के महामंत्र का जप करने से पारिवारिक सुख और धन-धान्य की आपको प्राप्त होती है।
शनि स्तोत्र का पाठ- शनि की क्रूर दृष्टि से बचने के लिए आप दशरथकृत शनि स्तोत्र का पाठ भी अवश्य करें। शनि स्तोत्र का पाठ यदि आप शनिवार के दिन करते हैं तो जीवन में खुशियों का आगमन होता है। इसके साथ ही शनि स्तोत्र का पाठ करने से मानसिक और शारीरिक पीड़ाओं से भी आपको मुक्ति मिलती है।