केरल के राज्यपाल ने उच्चतम न्यायालय के फैसले के बाद दो कुलपतियों को पुन: नियुक्त किया

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तिरुनवनंतपुरम{ गहरी खोज }: केरल के राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर ने उच्चतम न्यायालय से मंजूरी मिलने के बाद राज्य के दो प्रमुख संस्थानों में डॉ. सिजा थॉमस और डॉ. के. शिवप्रसाद को अंतरिम कुलपति के रूप में शुक्रवार को फिर से नियुक्त किया। आर्लेकर राज्य विश्वविद्यालयों के कुलाधिपति भी हैं। ये नियुक्तियां 30 जुलाई के उच्चतम न्यायालय के आदेश का अनुपालन करती हैं, जो कि राज्यपाल और राज्य सरकार के बीच कुलाधिपति की शक्तियों को लेकर महीनों चले कानूनी संघर्ष के बाद आया है।
तकनीकी शिक्षा निदेशालय में पूर्व वरिष्ठ संयुक्त निदेशक रह चुकीं डॉ. थॉमस केरल डिजिटल विज्ञान, नवाचार एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय की कुलपति के रूप में पुन: सेवा देंगी। कोचीन विश्वविद्यालय के जहाज प्रौद्योगिकी विभाग के प्रोफेसर डॉ. शिवप्रसाद अपने नियमित अकादमिक कार्यों के साथ ही एपीजे अब्दुल कलाम प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के कुलपति के रूप में कार्य करते रहेंगे। राजभवन द्वारा यहां जारी एक विज्ञप्ति में कहा गया कि दोनों की नियुक्तियां छह महीने तक या स्थायी नियुक्तियां होने तक मान्य रहेंगी।
यह विवाद नवंबर 2024 से चला आ रहा है, जब राज्यपाल ने पहली बार इन दोनों को यह कहते हुए अस्थायी पदों पर नियुक्त किया था कि संबंधित विश्वविद्यालय अधिनियमों में उन्हें अल्पकालिक रिक्तियों को भरने की अनुमति है। राज्य सरकार ने इस कदम को चुनौती देते हुए कहा कि ये नियुक्तियां आवश्यक प्रक्रिया को दरकिनार कर की गईं और ये विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के नियमों का पालन नहीं करतीं। केरल उच्च न्यायालय ने मई में राज्य सरकार के पक्ष में फैसला सुनाया और जुलाई में एक खंडपीठ ने उस फैसले को बरकरार रखा। इसके बाद राज्यपाल ने उच्चतम न्यायालय में अपील की, जिसने अब इन नियुक्तियों को आगे बढ़ाने की अनुमति दे दी है।

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