लंग कैंसर के रिस्क फैक्टर्स से हो जाएं सावधान, बचाव के लिए अपनाएं ये समाधान

लाइफस्टाइल डेस्क { गहरी खोज }: 1 अगस्त यानी विश्व लंग कैंसर दिवस के दिन आपको भी इस घातक बीमारी से जुड़ी कुछ जरूरी बातों के बारे में जानकारी हासिल कर लेनी चाहिए। आइए जानते हैं कि सोनीपत में स्थित एंड्रोमेडा कैंसर अस्पताल के सर्जिकल ऑन्कोलॉजी डिपार्टमेंट के अध्यक्ष डॉक्टर अरुण कुमार गोयल ने लंग कैंसर से जुड़े रिस्क फैक्टर्स, लक्षण और बचाव के बारे में क्या जानकारी दी है…
लंग कैंसर के दौरान क्या होता है?
लंग कैंसर एब्नार्मल सेल्स की अनियंत्रित ग्रोथ है। ये कैंसरस सेल्स लगातार बढ़ते रहते हैं और आसपास के टिशू को भी नष्ट कर देते हैं। जब ये एब्नार्मल ग्रोथ फेफड़ों के सेल्स में शुरू होती है, तो इसे प्राथमिक लंग कैंसर कहा जाता है। वहीं, जब कैंसरस सेल्स दूसरे अंगों से निकलकर फेफड़ों में जमा होने लगते हैं, तो इसे सेकंडरी लंग कैंसर कहा जाता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, लंग कैंसर दुनिया भर में कैंसर से होने वाली मौतों का सबसे प्रमुख कारण है। लंग कैंसर से 2022 में लगभग 18 लाख लोगों की मौत हुई थी। 2022 में इसके लगभग 25 लाख मामले सामने आए थे, जो कुल कैंसर के नए मामलों के 12% थे।
लंग कैंसर के रिस्क फैक्टर्स
धूम्रपान करने से लंग कैंसर का खतरा बढ़ सकता है। पैसिव स्मोकिंग भी इस घातक बीमारी की संभावना को बढ़ा सकती है। इसके अलावा प्रदूषित वायु के संपर्क में रहना भी फेफड़ों की सेहत को नुकसान पहुंचा सकता है। डॉक्टर अरुण कुमार गोयल के मुताबिक अगर परिवार में पहले किसी सदस्य को लंग कैंसर हुआ है, तो भी आपको लंग कैंसर होने का खतरा बढ़ सकता है।
लंग कैंसर के शुरुआती लक्षण
लंग कैंसर के दौरान लगातार खांसी रहना और खांसी के साथ खून आना, इस तरह का लक्षण दिखाई दे सकता है। इसके अलावा आवाज में खराश बने रहना, थोड़ा चलने पर सांस फूलना, हमेशा थकान महसूस होना, तेजी से वजन कम होना, इस तरह के लक्षण भी लंग कैंसर की तरफ इशारा कर सकते हैं।
लंग कैंसर से बचाव के उपाय
लंग कैंसर से बचने के लिए आपको धूम्रपान और तंबाकू का सेवन पूरी तरह से बंद कर देना चाहिए। इसके अलावा आपको अपने डाइट प्लान में मौसमी फलों और सब्जियों को भी शामिल कर लेना चाहिए। लंग कैंसर से बचने के लिए नियमित रूप से ब्रीदिंग एक्सरसाइज करें। इसके अलावा आप घर में एयर प्युरीफायर लगवा सकते हैं। घर के बाहर की प्रदूषित हवा से बचने के लिए स्कार्फ या फिर मास्क का इस्तेमाल करें।