इंदिरा गांधी ने युद्ध रुकवाने के लिए निक्सन को चिट्ठी क्यों लिखी थी: अनुराग ठाकुर

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नयी दिल्ली { गहरी खोज }: पाकिस्तान के साथ 1971 के युद्ध के दौरान तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी द्वारा अमेरिका के उस समय के राष्ट्रपति रिचर्ड निक्सन को पत्र लिखे जाने की खबरों के बीच भाजपा सांसद अनुराग ठाकुर ने बुधवार को लोकसभा में सवाल किया कि यह चिट्ठी क्यों लिखी गई थी। भाजपा सांसद ने शून्यकाल के दौरान नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी पर भी निशाना साधा जिन्होंने मंगलवार को सदन में ऑपरेशन सिंदूर पर विशेष चर्चा के दौरान 1971 के युद्ध का उल्लेख करते हुए कहा था, ‘‘अगर प्रधानमंत्री (नरेन्द्र मोदी) में इंदिरा गांधी का 50 प्रतिशत भी साहस है तो वह डोनाल्ड ट्रंप के (संघर्ष विराम संबंधी) बयान को खारिज करें।’’ ठाकुर ने कहा, ‘‘यदि 1971 (के युद्ध) की बात की जाए, तो बलिदान भारत की सेना ने दिया था। लेकिन ‘आयरन लेडी’ किसी और को घोषित कर दिया गया। जो जंग मैदान में जीती गई थी, वह मेज पर हारी गई।’’ उन्होंने इंदिरा गांधी के संदर्भ में कहा, ‘‘यह देश तय करे कि उस समय की सरकार ‘आयरन’ थी कि ‘आयरनी’ (विडंबना) थी…यह आप तय कर लें।’’ भाजपा सांसद ने दावा किया कि तीन दिसंबर 1971 को पाकिस्तान द्वारा भारत के पश्चिमी मोर्चों पर हमले किये जाने के बाद इंदिरा गांधी ने निक्सन को चिट्ठी लिखी थी।
ठाकुर ने सदन में उस चिट्ठी के कुछ हिस्से उद्धृत करते हुए दावा किया कि तत्कालीन प्रधानमंत्री ने अमेरिकी राष्ट्रपति से पाकिस्तान पर अपने प्रभाव का प्रयोग करने और भारत के विरूद्ध उसकी आक्रामक गतिविधियों को रोकने का आग्रह किया था। भाजपा सांसद ने सवाल किया कि क्या इंदिरा जी को उस समय की सेना पर विश्वास नहीं था या अपनी सरकार पर विश्वास नहीं था, ‘‘जो अमेरिका के राष्ट्रपति के सामने हाथ फैलाया’’। विपक्षी सदस्यों के शोरगुल के बीच, भाजपा सांसद ने कहा कि सवाल यह खड़ा होता है कि ‘‘कौन गिड़गिड़ा रहा था, कौन गुहार लगा रहा था, कौन मदद मांग रहा था।’’

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